Uttarakhand cause flodding and landslid: digi desk/BHN/ उत्तराखंड में पिछले दो-तीन दिनों में हुई भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई है। राज्य प्रशासन के मुताबिक बाढ़ और भूस्खलन की वजह से अब तक 24-25 लोगों की मौत हो चुकी है। नैनीताल जिले में मुक्तेश्वर में एक दीवार गिरने से मलबे में 5 मजदूरों के शव मिले हैं, जबकि एक को सुरक्षित बचा लिया गया है। इस पहाड़ी प्रदेश में बारिश और भूस्खलन से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है, और तमाम सड़कें पानी और मलबे से भर गई हैं। कई शहरों का संपर्क टूट गया है, पुल बह गये हैं और नदियां उफान पर हैं। स्थानीय लोगों के अलावा सैकड़ों टूरिस्ट भी जगह-जगह फंस गये हैं। प्रशासन लोगों को बचाने और सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की कोशिश में जुटा हुआ है। पीएम मोदी ने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात करके हालात का जायजा लिया। उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हवाई सर्वेक्षण कर बारिश से हुए नुकसान और हालात का जायजा लिया।
नैनीताल में स्थिति काफी खराब है। नैनी झील का पानी सड़कों और घरों तक पहुंच गया है। तमाम रास्ते बंद हो गए हैं और बिजली भी गुल है। खतरे को देखते हुए लोगों से घरों के भीतर रहने की अपील की गई है। बारिश के कारण नैनीताल, रानीखेत, अल्मोड़ा से हल्द्वानी और काठगोदाम तक के रास्ते बंद हो गए हैं। एसडीआरएफ और उत्तराखंड पुलिस ने जानकी चट्टी से यात्रियों को सुरक्षित गौरीकुंड पहुंचाया। ये यात्री केदारनाथ मंदिर में दर्शन के बाद फंस गए थे। रातभर हो रही मूसलाधार बारिश और तमाम मुश्किलों के बावजूद SDRF ने 22 यात्रियों को बचाया। राज्य प्रशासन के मुताबिक बारिश की वजह से पौड़ी और चंपावत में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि अल्मोड़ा, नैनीताल और उधमसिंह नगर में 11 लोगों की जान गई।
उत्तराखंड में कई जगहों पर लगातार हो रही बारिश से परेशानी बढ़ती जा रही है और कई जगहों पर यात्रियों के फंसने की ख़बरें आ रही हैं। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि रामनगर-रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिजॉर्ट में करीब 100 लोग फंस गए थे। ताजा जानकारी के मुताबिक सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बारिश की वजह से कोसी नदी का पानी रिजॉर्ट में घुस गया है और अंदर जाने या बाहर आने का रास्ता बंद हो गया है। प्रशासन ने गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी के दूसरी तरफ़ फंसे घायल यात्रियों समेत कई लोगों को भी बाहर निकाला।