More than 4 crore unorganized workers: digi desk/BHN/श्रमिकों के मामले में भारत सरकार ने नई उपलब्धि हासिल की है। दो महीने में ही ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों का पंजीकरण चार करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने रविवार को ये जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न क्षेत्रों मसलन निर्माण, कपड़ा, विनिर्माण, मत्स्य पालन, सड़कों पर रेहड़ी लगाने वाले, घर का कामकाज करने वाले, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों से जुड़े लोग इस पोर्टल पर पंजीकरण करा रहे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस पोर्टल पर 4.09 करोड़ श्रमिकों ने अपना पंजीकरण कराया है। इनमें से 50.02 प्रतिशत महिलाएं और 49.98 प्रतिशत पुरुष कामगार हैं। प्रवासी मजदूरों ने भी पोर्टल पर पंजीकरण में उत्साह दिखाया है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश की ओर से पोर्टल पर सबसे ज्यादा पंजीकरण हो रहा है। हालांकि, छोटे राज्यों और संघ शासित प्रदेशों का पंजीकरण काफी कम है। आपको बता दें यह पोर्टल शुरू हुए दो माह से भी कम समय बीता है।
ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के जरिए प्रवासियों सहित सभी असंगठित क्षेत्र के श्रमिक विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और रोजगार योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए व्यक्तिगत श्रमिक मोबाइल ऐप या वेबसाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा वे साझा सेवा केंद्रों (सीएससी), राज्य सेवा केंद्र, श्रम सुगमता केंद्र, चुनिंदा डाकघरों, डिजिटल सेवा केंद्रों पर जाकर भी अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के बाद श्रमिकों को डिजिटल ई-श्रम कार्ड दिया जाता है। इस कार्ड पर सार्वभौमिक खाता संख्या होता है, जो पूरे देश में मान्य है। किसी अन्य स्थान पर जाने की स्थिति में भी वे सामाजिक सुरक्षा लाभ के पात्र रहते हैं। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिक की मृत्यु होने या उसके स्थाई रूप से दिव्यांग होने पर दो लाख रुपये की राशि दी जाएगी। अस्थायी रूप से दिव्यांग होने पर एक लाख रुपये की राशि दी जाएगी।