42 मास्टर ट्रेनर्स हुये प्रशिक्षित
सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ विधानसभा रैगांव के उप चुनाव में नियुक्त होने वाले मतदान दलों के अधिकारियों को मतदान एवं चुनाव प्रक्रिया का प्रशिक्षण देने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में 42 मास्टर ट्रेनरो का प्रशिक्षण संपन्न हुआ। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजय कटेसरिया ने प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया में मतदान सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। मास्टर ट्रेनर्स मतदान दलों को हर प्रक्रिया के बारे में दक्षतापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करें। इस मौके पर प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित संजयराव झाड़े, जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर डॉ बीके गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी सच्चिदानंद पांडेय एवं ईवीएम मास्टर ट्रेनर बीएल बागरी भी उपस्थित रहे।
जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कटेसरिया ने कहा कि मतदान केंद्रों के लिए नियुक्त दलों के अधिकारी भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कोविड-19 के दौरान होने वाले उप चुनाव संबंधी दिए गए निर्देशों का पालन कराएं। शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और विधि-सम्यक रूप से निर्वाचन की मतदान प्रक्रिया संपन्न कराएं।
सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों में सैनिटाइजर, साबुन, पानी, मेडिकेटेड वेस्ट मटेरियल डिस्पोजल डस्टबिन की उपलब्धता रहेगी। मतदान केंद्रों में थर्मल जांच और मास्कविहीन मतदाताओं के लिये मास्क की सुविधा भी रहेगी। सभी मास्टर ट्रेनर्स निर्वाचन आयोग के निर्देशों एवं मतदान दलों को हर प्रक्रिया का गहन प्रशिक्षण देवें।
मास्टर ट्रेनर डॉ बीएल गुप्ता ने बताया कि वास्तविक मतदान के पूर्व सीयू में दर्ज मॉकपोल का डाटा क्लियर करना सुनिश्चित करने के लिए मतदाता रजिस्टर 17‘क’ में पहले मतदाता के हस्ताक्षर करने से पूर्व मतदान अधिकारी क्रमांक-1 और पीठासीन अधिकारी सीयू का निरीक्षण कर रजिस्टर 17‘क’ में प्रमाण पत्र अंकित करेंगे, कि टोटल शून्य पाया गया है। मतदान केंद्र में वास्तविक मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले अभ्यर्थी के एजेंटों की उपस्थिति में मॉकपोल प्रारंभ किया जाएगा। मॉकपोल के दौरान कम से कम 50 वोट डाले जाएंगे। जिनमें सभी अभ्यर्थियों को कवर किया जाएगा। मतदान समाप्ति के पश्चात मतदाता रजिस्टर 17‘क’ में अंतिम मतदाता के नीचे लाल स्याही से लकीर खींच कर पीठासीन अधिकारी दस्तखत करेंगे। मतदान समाप्ति के बाद क्लोज बटन अनिवार्य रूप से दबाकर इस आशय का प्रमाण पत्र भी देना होगा। वीवीपैट की बैटरी भी निकालनी होगी। थर्मल स्कैनिंग के दौरान यदि किसी मतदाता का तापमान मानक से अधिक पाया जाता है, तो ऐसे मतदाता को वापस कर मतदान समाप्ति के 1 घंटे पूर्व मतदान का अवसर दिया जाएगा।
मॉकपोल के पहले तक मशीनों को आपस में कनेक्ट नहीं करें
मास्टर ट्रेनरो को ईवीएम, वीवीपैट का तकनीकी प्रशिक्षण देते हुए मास्टर ट्रेनर बीएल बागरी ने बताया कि मतदान दलों को दी जाने वाली ईवीएम मशीन और वीवीपैट पूरी तरह से जांच परख कर तैयार होगी। इनके नंबर और सील आदि का मिलान करना है। किसी भी स्थिति में मॉकपोल की प्रक्रिया के पहले तीनों मशीनों को आपस में कनेक्ट करके जांच नहीं करनी है। उन्होंने मशीनों को प्राप्त करने और बॉक्स खोलने की प्रक्रिया की जानकारी दी।
मास्टर ट्रेनर ने कहा कि मशीनों के कनेक्शन और डिस्कनेक्शन के समय सभी मशीनों के स्विच ऑफ रखने चाहिए। कनेक्शन में पहले सीयू जुड़ेगी, फिर वीवीपैट और बाद में बीयू जोड़ी जाएगी। मॉकपोल के बाद मशीन को क्लियर कर वास्तविक मतदान के लिए तैयार कर सीलिंग की जाएगी।
मॉकपोल का पूरा डाटा और प्रमाण पत्र भी तैयार किया जाएगा
मास्टर ट्रेनर ने बताया कि मॉकपोल के प्रारंभ होने के समय ही सभी कनेक्शन करने के बाद वीवीपैट को ट्रांसपोर्ट मोड से हटाया जाएगा। मतदान के दौरान सिर्फ वीवीपैट बदलने पर कोई मॉकपोल नहीं होगा। जबकि मतदान के बीच में मशीन का पूरा सेट बदलने पर सभी अभ्यर्थियों को केवल एक-एक वोट डालकर मॉकपोल किया जाएगा।
‘‘कापीस’’ या सीआरसी का रखें ध्यान
मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ परीक्षित राव झाड़े ने कहा कि मॉकपोल के पश्चात वास्तविक मतदान के लिए ईवीएम तैयार करते समय सीआरसी और कापीस का ध्यान रखते हुए मॉकपोल का डाटा मशीन से क्लियर करें। मॉकपोल के पश्चात सीयू में क्लोज (काला बटन), रिजल्ट (पीली) और क्लियर (सफेद बटन) दबाकर डाटा क्लियर करें। अर्थात सीआरसी अथवा बटनों के आधार पर कापीस के क्रम का ध्यान रखें।