अनूपपुर/राजनगर, भास्कर हिंदी न्यूज़/ छत्तीसगढ़ से आए हाथियों के झुंड द्वारा जिले के कोतमा तहसील अंतर्गत सीमावर्ती गांव में फसल और घरों को नुकसान पिछले पांच दिनों से पहुंचाया जा रहा है। 40 हाथियों का समूह अभी भी गांव के समीप जंगल में ठहरे हुए हैं। शनिवार को जिले का प्रशासनिक अमला प्रभावित गांव का दौरा किया और हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का जायजा लिया तथा इन इलाके में विकास से जुड़े कार्य कराए जाने के निर्देश दिए गए। जिला कलेक्टर सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल, डीएफओ, कोतमा एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य विभागों के अधिकारी इस दौरान मौजूद थे।
कलेक्टर सोनिया मीना यहां पहुंचकर पहले प्रभावित ग्रामीणों के लिए बनाए गए राहत शिविर का निरीक्षण किया और प्रभावित क्षेत्र से आकर रहने वाले लोगों के लिए भोजन,सोने एवं बच्चों के पोषण आहार संबंधित जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावितों को जो भी जरूरत हो वह उपलब्ध कराई जाए। इसके पश्चात कलेक्टर पूरे प्रशासनिक अमले के साथ डूमर कछार नगर पंचायत के प्रभावित मोहल्ले पाव टोला एवं बैगन टोला में जाकर उन घरों एवं फसल का जायजा लिया जो हाथियों के दौरान नुकसान किया गया है।मलगा-टांकी जंगल के समीपस्थ ग्राम फुलवारी टोला, सेमरा,सैतिन चुआ गांव की स्थिति का भी जानकारी कलेक्टर द्वारा ली गई।
कलेक्टर ने प्रभावित लोगों से बातचीत कर प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इनकी सुरक्षा से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ न हो पूरा ध्यान रखा जाए। वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इन लोगों की समस्याओं के समाधान के साथ-साथ मुआवजा प्रक्रिया जारी रखी जाए जिससे इनको तत्काल सहायता मिल सके जिस पर वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित 17 लोगों के मुआवजा प्रक्रिया चल रही है। यह भी निर्देशित किया गया कि जो बच्चे बुजुर्ग एवं महिलाएं गांव से राहत शिविर तक आने जाने में असमर्थ हो उन्हें वाहन उपलब्ध कराकर शिविर तक लाया जाए।