Mercury will move retrograde till october 18th: digi desk/BHN/ व्यापार, बुद्धि, और वाणी के कारक माने जाने वाले बुध ग्रह की वक्री चाल आज से शुरू हो चुकी है। बुध की यह वक्री चाल आज सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर शुरू हुई है, जो 18 अक्टूबर को समाप्त होगी। इस दौरान बुध सभी राशि के लोगों के जीवन में परेशानी ला सकते हैं। हालांकि कुछ ज्योतिषीय उपाय करके इन परेशानियों को कम किया जा सकता है और बचा भी जा सकता है। यहां हम इन्हीं उपायों के बारे में बता रहे हैं।
बुध की वक्री चाल तुला राशि में शुरू हो चुकी है। यह चाल 18 अक्टूबर तक जारी रहेगी। 2 अक्टूबर को बुध कन्या राशि में वापस लौटेंगे, लेकिन उनकी वक्री चाल जारी रहेगी। इसके बाद 18 अक्टूबर को वो कन्या राशि में ही मार्गी चाल शुरू करेंगे। बुध की वक्री गति ज्योतिष की दुनिया में बेहद ही महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। जो 27 सितंबर से 18 अक्टूबर के बीच होगी।
शिक्षा के क्षेत्र में होगा असर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी नौ ग्रह अपनी चाल के अनुसार राशि परिवर्तन करते हैं और एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। ग्रहों की चाल कभी सीधी होती है तो कभी उल्टी होती है। सीधी गति को मार्गी और उल्टी गति को वक्री कहा जाता है। बुध ग्रह का योगदान शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा होता है। इसी वजह से उनका उल्टा असर भी इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तेजस्वी दिव्य पीतांबरधारी, संपूर्ण आभूषणों से विभूषित, अर्थशास्त्रों के ज्ञाता, उत्कृष्ट बुद्धि संपन्न, मधुर वाणी बोलने वाले महान गणितज्ञ हैं।
क्या होगा नुकसान
बुध ग्रह संचार व्यवस्था, वाणी, लेखन, गणित, बुद्धि आदि का संचालन करते हैं और उनके वक्री होने से इन्हीं चीजों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। आपकी बनती बात बिगड़ सकती है। साथ ही लड़ाई झगड़े, वाद विवाद और गलतफहमियों की आशंका बढ़ जाती है। सही ढंग से निर्णय लेने में परेशानियां आ सकती है। जो लोग दो दिमाग का उपयोग करते हैं, वो बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं।
बुध को मजबूत बनाने के ज्योतिषीय उपाय
- गौमाता को हरा चारा खिलाएं और हर बुधवार के दिन व्रत रखें।
- बुधवार के दिन 8 साल से छोटी उम्र की कन्याओं को हरे रंग की चूड़ियां और वस्त्र दान करें। मुमकिन हो तो हरे रंग का भोजन जैसे कपूरकंद, खीरा आदि खिलाएं।
- रोजाना बुध स्तोत्र का पाठ करें, अगर यह संभव न हो तो हर बुधवार को इस स्त्रोत का पाठ जरूर करें। इसके साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
- तुलसी जी को जल अर्पित करें और अनाथ बच्चों व गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें।
- बुधवार के दिन गणेश जी के मंदिर में लड्डू का दान करें और फिर उन्हें प्रसाद रूप में स्वयं भी ग्रहण करें और लोगों को भी दें।