Green Corridor in Indore:digi desk/BHN/ इंदौर/इंदौर शहर में 3 दिन में दूसरी बार अंगदान के लिए ग्रीन कारिडोर बनाया गया। इंदौर में रविवार को 41 वां ग्रीन कारिडोर बना। पार्श्वनाथ नगर में रहने वाली 37 वर्षीय नेहा चौधरी करीब 1 सप्ताह पहले ब्रेन हेमरेज के कारण चोइथराम अस्पताल में भर्ती हुई थी। इस दौरान उनकी न्यूरो सर्जरी हुई लेकिन हार्ट अटैक के कारण वो ब्रेन डेथ हो गई। स्वजनों ने उनके अंगदान का निर्णय लिया। नेहा के पति पंकज चौधरी के मुताबिक नेहा जब जीवित थी तभी उसने मुझसे कई बार कहा था कि इतने लोगों के शहर में अंगदान होते हैं। यदि मेरा जल्दी निधन हो जाए तो मेरी बाडी को डोनेट कर देना। हमें क्या पता था की इतनी जल्दी ही उसका अंगदान करना पड़ेगा। नेहा की इच्छा को ध्यान में रखते हुए हमने उसकी किडनी लीवर को डोनेट करने का निर्णय लिया।
नेहा की एक साढ़े तीन साल की बेटी भी है। रविवार सुबह 1:29 पर चोइथराम अस्पताल से ब्रेन डेथ नेहा की एक किडनी ग्रीन कारिडोर बनाकर 6 मिनट में सीएचएल अस्पताल भेजी गई। इसके साथ ही एक अन्य एंबुलेंस से उनकी दूसरी किडनी 8 मिनट 17 सेकंड में बॉम्बे अस्पताल में भेजी गई। इसके अलावा नेहा का लिवर चोइथराम अस्पताल में एक अन्य लिवर सिरोसिस के मरीज को लगाया गया। आर्गन ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया के लिए चोइथराम अस्पताल में दिल्ली के फोर्टीस डाक्टर आरिफ डा आशीष सिंघल, डा अनिल अग्रवाल इंदौर पहुंचे थे।
इन्होंने चोइथराम अस्पताल में ब्रेन डेथ मरीज के शरीर से 2 किडनी व 1 लिवर को निकाला। इनके साथ प्रथम अस्पताल के डाक्टर सुदेश सारडा, डा नीरज गुप्ता, डा नितिन शर्मा की टीम भी मौजूद थी। इसके अलावा मुस्कान ग्रुप द्वारा ब्रेन डेथ मरीज की दोनों आंखें डोनेट की गई और त्वचा भी चोइथराम अस्पताल के स्क्रीन बैंक को डोनेट की गई।
रक्त स्राव होने के कारण हुई ब्रेनडेड
चोइथराम अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार नेहा चौधरी के मस्तिष्क की नस फूल गई थी। इसे ब्रेन एनरिज्म कहा जाता है। इसके कारण ब्रेन में रक्तस्राव हुआ था। उपचार के दौरान शनिवार को उन्हें ब्रेनडेड घोषित किया गया। शनिवार को चिकित्सकों ने सुबह 9:55 बजे नेहा का पहला एपिनिया टेस्ट किया और शाम 4:17 बजे दूसरा एपिनिया टेस्ट कर ब्रेनडेड प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पूर्ण की।
इन्हें मिलेगा जीवनदान
बाम्बे अस्पताल : इंदौर की 60 वर्षीय महिला डायलिसिस पर हैं। उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की जाएगी।
सीएचएल अस्पताल : इंदौर की 35 वर्षीय महिला को किडनी ट्रांसप्लांट की जाएगी।
चोइथराम अस्पताल : इंदौर के 56 वर्षीय पुरुष को पांच साल से हेपेटाइटिस बी के कारण लिविर सिरोसिस की बीमारी है। दो साल पहले उन्हें लिवर का कैंसर हुआ है। अब इन्हें लिवर ट्रांसप्लांट किया जाएगा।