Tuesday , May 7 2024
Breaking News

Breast Cancer: ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में डायबिटीज की गोलियां भी असरदार 

Breast Cancer Cure: digi desk/BHN/ मधुमेह (डायबिटीज) के उपचार में काम आ रही दवा ब्रेस्ट कैंसर का भी इलाज कर सकती है। विज्ञानियों और शोधार्थियों के समूह ने यह निष्कर्ष निकाला है। डायबिटिज की दवा के दोहरे फायदे बताने वाले इस शोध को इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, आइआइटी इंदौर और बेलारूस के इंस्टिट्यूट आफ फिजियोलाजी आफ द नेशनल एकेडमी आफ साइंस के शोधार्थियों और प्रोफेसरों ने मिलकर अंजाम दिया है। शोध के नतीजे को प्रमाणित करते हुए अब अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल करंट कैंसर ड्रग टारगेट में प्रकाशित किया गया है।दो साल पहले चेक गणराज्य की राजधानी प्राग की चार्ल्स यूनिवर्सिटी से इस शोध की नींव पड़ी थी।

आमतौर पर एक उम्र के बाद या मोटापे या अन्य कारणों से होने वाली टाइप-टू डायबिटीज के उपचार में मरीजों को सिटाग्लिप्टिन, बिल्डाग्लिप्टिन और लिनाग्लिप्टिन या इस ग्रुप की दवाएं दी जाती हैं। गोलियों के रूप में दी जाने वाली ये दवाएं डायबिटीज को नियंत्रित करती हैं। देवी अहिल्या विवि के स्कूल आफ बायोटेक्नोलाजी के प्रो. हेमेंधसिंह परमार के अनुसार असल में इन दवाओं से होने वाले मधुमेह के इलाज को चिकित्सकीय भाषा में इनक्रेटिन बेस्ड थेरेपी कहा जाता है। दरअसल, ये दवाएं शरीर में पाए जाने वाले कुछ खास प्रोटीन जिसे डीपीपी-फोर कहा जाता है और जीएलपी-वन हार्मोन पर सीधे असर करती हैं।

प्रोटीन डायबिटीज को बढ़ाता है जबकि हार्मोन ग्लूकोज को संतुलित करता है। प्रो. परमार के अनुसार 2018 में प्राग की चार्ल्स यूनिवर्सिटी के फैकल्टी आफ मेडिसिन में जब मैं अध्ययन के लिए पहुंचा था, उसी दौरान इस दिशा में शोध की नींव पड़ी थी। भारत आने के बाद शोध टीम ने काम जारी रखा और अब लैब टेस्ट के नतीजों से परिणाम की पुष्टि हो गई। इसके बाद अध्ययन को जर्नल के लिए भेजा गया। जहां रिव्यू के बाद शोध व नतीजों के प्रकाशन को मंजूरी दे दी गई।

इस तरह काम करती हैं दवाएं

प्रो. परमार के अनुसार डीपीपी-फोर प्रोटीन ब्रेस्ट कैंसर की वृद्धि के साथ कैंसर के उपचार को अप्रभावी करने के साथ कैंसर सेल के शरीर में ट्रांसफर करने के लिए भी जिम्मेदार होता है। डायबिटीज की ये दवाएं इस प्रोटीन को रोककर कैंसर के उपचार को असरदार बना देती हैं। इसके साथ ये दवाएं जीएलपी हार्मोन के उत्सर्जन को प्रभावी बना देती हैं। इससे शरीर में कैंसर के ट्यूमर के लिए प्रतिरोध पैदा होता है। कैंसर स्टेम सेल फैलना रुक जाते हैं। कैंसर के उपचार के कारण बनने वाली स्थिति कैंसर केचेक्सिया (जिसमें शरीर कमजोर हो जाता है) को भी ये दवा रोकती है। इस तरह ये दवाएं कैंसर के उपचार को प्रभावी बनाने के साथ कैंसर सेल की वृद्धि और फैलने से रोक देती है। लैब टेस्ट से प्रमाणित हो चुका है। अब क्लिनिकल स्टडी के आधार पर डायबिटीज की दवाओं को ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में सहयोगी दवाओं को देने का रास्ता खुल सकता है।

About rishi pandit

Check Also

इंटरनेशनल वुमन डे पर महिलाओं को बनाकर खिलाएं टेस्टी पैनकेक

नई दिल्ली सुबह उठते ही लोग घर की महिलाओं से पूछते हैं कि आखिर आज …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *