Hartalika Teej 2021:digi desk/BHN/ भोपाल/ आज हरतालिका तीज पूरे श्रद्धाभाव के साथ मनाई जा रही है। महिलाओं ने अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखा है। शाम को भगवान गणेशजी, शिव व पार्वती की पूजा करेंगी। रात्रि जागरण करेंगी। इस पर्व के मौके पर महिलाओं में खासा उत्साह है। शहर के चौक, न्यू मार्केट सहित सभी छोटे-बड़े बाजारों में सुबह से फूलों और मिठाई की दुकानों पर भीड़ होने लगी है। तीज की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार इस बार हरतालिका तीज पर रवि योग का 14 साल बाद दुर्लभ संयोग पड़ रहा है। रवि योग को बेहद प्रभावशाली माना गया है। इस संयोग में रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए शिव-पार्वती की पूजा करना सही रहता है। सुहागिन महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य की कामना से और कुंवारी लड़कियां अच्छे वर के लिए व्रत रखती है।
शुभ मुहूर्त
मां चामुंडा दरबार के पुजारी पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि प्रदोष काल पूजा मुहूर्त शाम को 6 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।
यह है पूजा-विधि
हरतालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। फुलेरा बनाकर शिव-पार्वती और गणेश की प्रतिमा पर तिलक करके दूर्वा अर्पित किए जाते हैं। फिर भगवान शिव को फूल, बेलपत्र व शमीपत्री अर्पित कर और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाए जाते हैं। तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरतालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें। भजन गाते हुए रात्रि जागरण में व्रतधारी महिलाएं भगवान शिव की पांच बार आरती करती हैं। इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव व माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।
इस व्रत को ‘हरतालिका’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि पार्वती की सखी उन्हें पिता को बगैर बताए हर कर जंगल में ले गई थीं। ‘हरित अर्थात हरण करना और ‘तालिका’ अर्थात सखी। पार्वती जी भगवान शिव को पति के रूप में चाहती थीं। भगवान शिव ने पार्वती के व्रत से प्रसन्न होकर वर मांगने के लिए कहा। पार्वती ने वर के रूप में शिव जी को मांग लिया। शिव ने तथास्तु कहकर पार्वती को यह वरदान दे दिया।