Ganesh Chaturthi 2021: digi desk/BHN/ पूरे देश में गणेशोत्सव की तैयारी की जा रही है, लेकिन कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। आशंका जताई जा रही है कि यदि कोरोना की दूसरी लहर काबू नहीं हुई तो गणेशोत्सव के साथ ही आने वाले त्योहार भी फीके हो सकते हैं। महाराष्ट्र सरकार पहले ही लोगों से अपील कर चुकी है कि वे Ganesh Chaturthi और गणेशोत्वस के दौरान संयम बरते। ताजा खबर कर्नाटक से आ रही है। यहां सरकार ने गणेश चतुर्थी के जुलूस पर रोक लगा दी है। साथ ही नाइट कर्फ्यू का भी ऐलान कर दिया है। आंध्र प्रदेश में भी ऐसा ही हाल है। जानिए क्या है गाइडलाइन
कर्नाटक सरकार ने 5 दिवसीय गणेश चतुर्थी समारोह के दौरान बड़ी सभाओं और मूर्ति विसर्जन पर सख्त प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार ने रात का कर्फ्यू लगाते हुए कहा है कि राज्य में रात 9 बजे के बाद कोई उत्सव नहीं होना चाहिए। सरकार की ओर जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि गणेशोत्वस और विसर्जन के लिए 20 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं दी जाएगी। रात 9 बजे के बाद किसी भी उत्सव की अनुमति नहीं दी जाएगी। त्योहार के दौरान रात का कर्फ्यू प्रभावी रहेगा।
गाइडलाइन के मुताबिक, केवल इको-फ्रैंडली गणेश मूर्तियों की अनुमति होगी। गणेश चतुर्थी समारोह के दौरान भोजन और प्रसाद के वितरण की अनुमति नहीं होगी। 2% से अधिक कोविड सकारात्मकता दर वाले जिलों में कोई समारोह नहीं होगा।
महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की अलग ही धूम रहती है, लेकिन इस बार भी आयोजन फीका रहेगा। खासतौर पर मुंबई में महानगर पालिका ने सख्त गाइडलाइन जारी कर दी है। बीएमसी ने इस साल गणेशोत्सव के लिए केवल 519 मंडलों को गणपति पंडाल स्थापित करने की अनुमति दी है। 1,273 मंडलों ने अनुमति के लिए नागरिक निकाय से संपर्क किया था, जबकि महामारी से पहले 3,000 से अधिक मंडल अनुमति के लिए बीएमसी के समक्ष आवेदन किए थे।
आंध्र प्रदेश में सरकार ने पांडालों को अनुमति नहीं दी है। साथ ही मूर्ति विसर्जन के जुलूस भी नहीं निकल सकेंगे। इससे मूर्तिकार दुखी है। उनका कहना है कि कोरोना ने पिछले साल उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया था और इस साल भी सरकार ने सख्त नियम बनाए हैं।