Venus will enter Libra from sept 5: digi desk/BHN/ 5 सितंबर रविवार रात 12:00 बजे से लेकर 1 अक्टूबर तक शुक्र देव अभी नीच राशि कन्या राशि से निकलकर अपने खुद की स्वयं की तुला राशि में प्रवेश करेंगे। वह भी उसी अवस्था में होंगी जब ऐसा होता है तो बहुत सारे लोगों को शुक्र देव का लाभ मिलता है। भौतिक सुखों से लोग अपने मन की चाह पूर्ण करते हैं और यह खुद स्वयं तुला राशि के लिए भी बहुत सारी लाभदायक है। हस्तरेखातज्ञ पंडित विनोद जी के अनुसार जिन के इष्टदेव शुक्र देव हैं, जिनके पंचम भाव में शुक्र विराजित है हमको भी यह बहुत सारा लाभ देने वाले हैं। चीन के कुंडली में बारहवें भाव में मीन राशि में शुक्र उच्च के होते हैं हमेशा के लिए उनको और ज्यादा लाभ मिलेगा। जिनके चतुर्थ भाव में भी शुक्र है उनको अपने घर की सफाई अच्छी तरह से करनी चाहिए। घर भी सुगंधित द्रव्य का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि उनको निश्चित रूप से लाभ मिलता है। यह भौतिक सुख जब अपने जीवन में कम होता है तो शुक्र देव हमेशा नीचे रहते हैं। कई तीन पुरुषों के स्वभाव में रोमांस की कमी देखी जाती है। प्यार में रुचि नहीं देखी जाती है। ऐसे में उनका शुक्र नीच का रहता है और कई लोग बुढ़ापे में भी जवान के जैसे रहते हैं। उनका चित्र हमेशा उच्च का रहता है तो मित्रोंं शुक्र को नीचा कभी मत होने दीजिए। हमेशा आप अच्छे रहिए जो भी हमारे ग्रह परिवर्तन होता है उनका आपको लाभ मिले।
जिनके भी कुंडली में चतुर्थ भाव में शुक्र होता है उनको घर से लाभ होता है यह बात निश्चित है और उस घर में भी अपने शयनकक्ष याने बेडरूम से आपको लाभ मिलेगा। यह अधोलिखित व्याख्या है। अब ऐसे जातक कितनी भी पूजा पाठ कर ले, कितने भी उपाय कर ले, उनको फल या सफलता नहीं मिलेगी। जो जातक अविवाहित है जिनके कुंडली में चतुर्थ भाव में शुक्र है, लोग किसी शुक्र वाले के साथ ही शादी करें गुण मिलन करके तो आपको कोई रोक नहीं सकता या आपके तरक्की को कोई रोक नहीं सकता।
शास्त्रों के अनुसार, चतुर्थ भाव कर्क राशि का होता है। शुक्र उनका पानी में होता है। पानी की अवस्था में होता है कर्क राशि जल में यह राशि है। भावना ऐसे लोगों की शारीरिक आकर्षण कमजोरी शुक्र की कमजोरी या युवा अवस्था में बुढ़ापे जैसी सोच रहेगी या सेक्स संबंधी भावना इनकी बहुत जल्दी नष्ट होती नजर आएगी। यह शुक्र सारणी कमजोरी महसूस करता है। खुद को अकेलेपन का महसूस करता है और ऐसा इंसान किसी की तलाश में जरूर रहता है। धन के लिए ऐसे लोग आतुर बहुत होते हैं लेकिन उनको समझ में नहीं आता कि यह सफलता क्यों नहीं हो रही है।
चतुर्थ भाव का शुक्र जिस कुंडली में बैठता है उसकी दृष्टि सीधे सातवीं दृष्टि दशम भाव पर जाती है यानि कि कर्म भाव पर जाती है कर्म भाव यानी आप जैसे कर्म करोगे वैसा आपको फल मिलेगा। अगर आपका शुक्र सोया हुआ है, मरा हुआ है, आपकी शारीरिक सेक्स की भावना मर गई है, मन से खत्म हो गई है तो समझ लो पैसा भी आपका खत्म हुआ है क्योंकि कर्म करने में असमर्थ हो जाएगी। एक जगह पर ही जिंदगी जैसा कि पानी में डूबा हुआ इंसान रहता है एक ही जगह पर स्थिर रहता है, उसी तरह से शुक्र एक जगह पानी में डूबा हुआ रहेगा।