by-elections इंदौर। उपचुनाव में बोगस मतदान रोकने और हर वोट की जानकारी निर्वाचन आयोग तक भेजने के लिए मोबाइल एप ‘बूथ एप’लांच हो गई है। मतदान केंद्र पर आने वाले हर मतदाता की जानकारी बूथ एप पर दर्ज करनी होगी। बूथ पर तैनात दो अधिकारियों के मोबाइल में चुनाव आयोग ‘बूथ एप’ डाउनलोड करवाएगा। इसको ध्यान में रखते हुए उपचुनाव की मतदाता पर्ची में क्यूआर कोड छापा जा रहा है जिसमें मतदाता की सारी जानकारी होगी।
इंदौर-उज्जैन संभाग की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। 3 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए पहले दौर का प्रशिक्षण हो चुका है। इस दौरान मतदान अधिकारियों को बूथ एप की जानकारी दी गई है। एक-दो दिनों में दूसरे दौर का प्रशिक्षण होगा उसमें बूथ एप की जानकारी विस्तार से दी जाएगी।
अधिकारियों के मुताबिक इस बार चुनाव से पहले हर मतदाता को मिलने वाली पर्ची पर एक क्यूआर कोड छपा होगा। बूथ में दाखिल होने के बाद अधिकारी को उस पर्ची के क्यूआर कोड को अपने मोबाइल से स्कैन करना होगा। उसे मतदाता की पूरी जानकारी एप में नजर आएगी। इससे मतदाता का सत्यापन तो हो ही जाएगा। यदि वह वोट दे चुका है तो यह भी नजर आ जाएगा। इससे बोगस वोट नहीं डल सकेंगे।
पीठासीन अधिकारी व एक अन्य अधिकारी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही एप चलेगी। अधिकारियों के मुताबिक नेटवर्क नहीं होने पर भी एप काम करती रहेगी। हर मतदाता और एक-एक वोट की जानकारी रियल टाइम में निर्वाचन आयोग तक पहुंचेगी। इतना ही नहीं मॉक पोल के पहले बूथ पर तैनात सभी अधिकारियों को एक सेल्फी लेकर भी एप पर डालनी होगी। दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग ने एक मोबाइल एप जारीकी थी। उस वक्त सिर्फ एप में मतदान प्रतिशत की जानकारी दर्ज करनी थी। इस बार एप में एक-एक वोट की जानकारी भेजी जा रही है। उपचुनाव के बहाने इस मोबाइल एप का पायलेट परीक्षण हो सकेगा।