Ban on Gorakh Dhanda word: digi desk/BHN/चंडीगढ़/हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार ने अब ‘गोरखधंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। गौरतलब है कि गलत तरीके से किए गए कार्यों की व्याख्या के लिए ‘गोरखधंधा’ शब्द प्रयोग किया जाता है, लेकिन इस संबंध में जब संत गोरखनाथ के अनुयायियों ने आपत्ति जताई तो हरियाणा सरकार ने ‘गोरखधंधा’ शब्द पर प्रतिबंध लगा दिया। हाल ही में गोरखनाथ संप्रदाय से जुड़े एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। इस प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से आग्रह किया था कि वो ‘गोरखधंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दें क्योंकि ‘गोरखधंधा’ शब्द से संत गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाएं आहत होती है। इस शब्द के नकारात्मक अर्थ होने के कारण संत गोरखनाथ के अनुयायियों को लंबे समय से आपत्ति थी।
मुख्यमंत्री खट्टर भी बोले, संत थे गोरखनाथ
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भी कहा कि गोरखनाथ एक संत थे। इस शब्द को किसी भी आधिकारिक भाषा के तौर पर इस्तेमाल करने या संबोधन में इस्तेमाल से संत गोरखनाथ के शिष्यों की भावनाएं आहत होती हैं, इस कारण से ‘गोरखधंधा’ शब्द पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है।
जानिए कौन थे संत गोरखनाथ
गोरखनाथ एक संत थे और उनके नाम सोनीपथ के पास गोर्ड गांव में एक विशाल मंदिर भी बना हुआ है। गोरखनाथ या गोरक्षनाथ जी महाराज प्रथम शताब्दी के पहले नाथ योगी के थे गुरु गोरखनाथ जी ने पूरे देश में भ्रमण किया था और अनेकों ग्रन्थों की रचना की थी। गुरु गोरखनाथ के नाम पर गोरखपुर जिले का नाम पड़ा था गुरु गोरखनाथ के शिष्य का नाम भैरौंनाथ था, जिनका उद्धार माता वैष्णोदेवी ने किया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार उन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। ‘गोरखधंधा’ शब्द पर बैन लगाने की मांग पहले राजस्थान में भी हो चुकी है। नाथ संप्रदाय के अनुयायियों ने उत्तरप्रदेश में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की थी कि ‘गोरखधंधा’ शब्द पर प्रतिबंध लगाया जाए।