- सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया
- केंद्र से 10 दिन के अंदर जवाब देने को कहा
Pegaus spy scandal: digi desk/BHN/ केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि, इस तरह के सॉफ्टवेयर आज कई देश खरीद रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि, हमारे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह की मांग याचिका में की जा रही है, उससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। पेगासस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उच्चतम न्यायालय ने पेगासस के कथित इस्तेमाल की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस जारी किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 10 दिन के अंदर जवाब देने को कहा है।
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि, इस तरह के सॉफ्टवेयर आज कई देश खरीद रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि, हमारे पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह की मांग याचिका में की जा रही है, उससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। हालांकि, कोर्ट ने भी यह साफ कर दिया है कि कोर्ट नहीं चाहता कि सरकार ऐसी किसी बात का खुलासा करे जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता हो।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय पीठ ने याचिका पर सुनवाई की, और केंद्र से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि, एक सप्ताह के अंदर केन्द्र जवाब दे। वहीं कोर्ट ने कहा है कि 10 दिन बाद इस मामले की अगली सुवाई होगी। इस दौरान कोर्ट इस बात पर विचार करेगी कि इसमें क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने यह बात मेहता की उस दलील के बाद की जिसमें उन्होंने कहा था कि हलफनामे में सूचना की जानकारी देने से राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा जुड़ा है। बता दें, याचिकाकर्ताओं ने अपने हलफनामे में जानकारी की मांग की थी।
मामले की हो पूरी जांच: याचिकाओं में पूरे मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की गई है। ये याचिकाएं इजराइली कंपनी एनएसओ के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित तौर पर किये जाने के खिलाफ है. जिसमें प्रमुख नागरिकों, राजनेताओं और पत्रकारों की जासूसी से संबंधित मामला है।