Raksha Bandhan Afghan crisis:digi desk/BHN/नई दिल्ली/ अफगानिस्तान में जारी सियासी संकट ने जहां कई देशों की चिंताएं बढ़ा दी है, वहीं भारत में राखी के त्योहार पर भी अफगान संकट का असर साफ दिखने लगा है। दरअसल भारत और अफगानिस्तान पुराने दोस्त रहे हैं और दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान के उत्पादों का बड़ा बाजार रहा है और विशेषकर भारत में ड्रायफ्रूट का आयात अफगानिस्तान से ज्यादा किया जाता है। अफगान संकट के कारण ड्रायफ्रूट का आयात प्रभावित होने से बीते 15 दिनों में कोई भी सामान नहीं आया है और इस कारण से सूखे मेवे के भाव में काफी तेजी आई है।
राखी पर महंगी होगी ड्रायफ्रूट मिठाई
सूखे मेवे की कीमतों में आई तेजी के कारण इस वर्ष राखी पर ड्रायफ्रूट की कीमत में तेजी आ गई है। जम्मू-कश्मीर में ड्राई-फ्रूट्स के भाव आसमान छू रहे हैं। ड्रायफ्रूट कारोबारियों ने बताया कि अफगानिस्तान से पिस्ता, बादाम, अंजीर, अखरोट जैसे बहुत से ड्राई फ्रूट्स आयात किए जाते हैं और बीते 15 दिन से कोई भी सूखा मेवा आयात नहीं हो पा रहा है, इस वजह से बाजार में सूखे मेवे की किल्लत होने लगी है।
जम्मू ड्राई फ्रूट्स रिटेलर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ज्योति गुप्ता ने बताया कि अफगानिस्तान से आयात बीते करीब एक माह से बाधित हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में एक व्यक्ति ने बताया कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति की वजह से सूखे फलों का आयात प्रभावित हुआ है। जम्मू में सूखे फलों के दाम बढ़ गए हैं। उसने बताया कि ‘कुछ दिन पहले खरीदारी की थी, आज उससे दोगुने दाम पर मिल रहे हैं। बाजार में इस तरह उछाल आना आम ग्राहकों के बजट से बाहर जाएगा।
सूखे मेवे का बड़ा उत्पादक है अफगानिस्तान
भारत के लिए अफगानिस्तान सूखे मेवे का एक बड़ा निर्यात है और तालीबान के कारण पैदा हुए सियासी संकट के बीच सूखे मेवे, बादाम या शहतूत की भरपूर पैदावार हुई है। सूखे मेवे के अलावा अफगानिस्तान से बड़ी तादाद में सफेद शहतूत भी पैदा होता है। इस साल भारतीयों को दिवाली पर भी सूखे मेवों और बादाम की कमी का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में एक बार फिर चरमपंथी संगठन तालिबान ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है।