Public intrest litigation filed for repeal of madrasa board: digi desk/BHN/जोधपुर/ राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में मदरसा बोर्ड एक्ट 2020 को निरस्त करने को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र व राज्य सरकार सहित संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है । जोधपुर निवासी मुकेश जैन ने अपने अधिवक्ता मोतीसिंह के माध्यम से एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें कि प्रदेश में 2020 में लागू मदरसा एक्ट पर सवाल उठाए गए है । उन्होंने हाईकोर्ट में कहा कि यह एक्ट धर्मनिरपेक्ष भारत गणराज्य की मूल भावना के व राज्य सरकार खिलाफ है। साथ ही भारत के संविधान की मूल भावना के अनुरूप नहीं है।
धर्म निरपेक्ष देश में कोई भी सरकार किसी एक धर्म को बढ़ावा नहीं दे सकती है । इस एक्ट को लागू करना राज्य सरकार का अधिकार क्षेत्र भी नहीं है। तर्क देते हुए इस याचिका में कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय को छोड़ अन्य अल्पसंख्यक समुदाय का भी इस एक्ट में ध्यान नहीं रखा गया है । ऐसे में इसे निरस्त किया जाए। याचिका में कहा गया कि देश में एक शिक्षा नीति लागू है।
मदरसा सहित सभी शिक्षण संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दायरे में शामिल है । ऐसे में यह नीति सभी संस्थानों पर समान रूप से लागू होनी चाहिये । वहीं राज्य सरकार को अल्पसंख्यक समुदाय के लिए शिक्षण संस्थान के भवन निर्माण व अन्य सामग्री उपलब्ध करवाना भी नीति संगत नहीं है । मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति व न्यायाधीश विनित माथुर की खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार के साथ ही केन्द्र सरकार , सीबीएसई , आरबीएसई , मदरसा बोर्ड , अल्पसंख्यक आयोग को भी नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
इंटरनेशनल कोर्ट के जस्टिस दलबीर भंडारी जोधपुर पहुंचे
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट हेग के न्यायाधीश दलबीर भंडारी शुक्रवार को जोधपुर पहुंचे ।जोधपुर पहुंचने पर उनको यहां एयरपोर्ट पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया । इसके साथ उनका माल्यार्पण कर व बुके भेंट कर स्वागत किया गया । वे यहां निजी कार्यक्रम में भाग लेने आए है ।