Corona:इंदौर। कोरोना संक्रमण के इलाज के बाद ठीक होने वाले 50 फीसद मरीजों में नींद न आने और 25 से 30 फीसद मरीजों में एकाएक दिल की धड़कन बढ़ने की समस्यां सामने आ रही हैं। मरीजों की ऐसी शिकायत से डॉक्टर भी आश्चर्य में है। कईं मरीजों को नींद की गोलियां भी देना पड़ रही हैं। कुछ मरीज ऐसे भी थे, जिन्होंने खून के थक्के जमने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवाया। फिर डिस्चार्ज होने के बाद दोबारा इसी शिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
- केस-1ः 60 वर्ष की महिला कोविड संक्रमण से ठीक होकर घर पहुंची। दो से तीन सप्ताह तक कमजोरी होने व दिल की धड़कन एकाएक बढ़ने की शिकायत थी।
- केस-2 : 65 वर्षीय व्यक्ति अस्पताल से डिस्चार्ज हुए लेकिन नींद न आने व घबराहट होने के कारण चार दिन बाद उन्हें फिर से भर्ती होना। दो दिन चिकित्सकों के निरीक्षण में उन्हें नींद की गोलियां लेना पड़ी और एक माह से इस दवा का सेवन कर रहे हैं।
- केस-3 : 35 वर्षीय व्यक्ति को अस्पताल से छुट्टी होने के बाद सीने में दर्द और दिल की धड़कन तेज चलने की शिकायत हुई। आकलन में उनके दाएं फेफड़े में खून का थक्का जमना पाया गया। आइसीयू में रहकर इलाज करवाना पड़ा।
ऐसी शिकायतों के साथ आ रहे हैं मरीज
अरबिंदो चिकित्सा अस्पताल के छाती रोग विभाग के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डॉ. रवि डोसी के मुताबिक संक्रमण से ठीक हुए कुछ मरीजों के हाथ-पैर में झुनझुनी होने, नींद न आने, जांघ में तेज दर्द व दिल की धड़कन बढ़ती हुई महसूस होने की शिकायत आ रही है। कुछ मरीजों में खून के थक्के जमने की प्रवृत्ति भी दिखाई दीं। जैसे चिकनगुनिया में हाथ-पैर में दर्द होता है वैसे ही बदन व जोड़ों में दर्द के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।