Opposition Leaders March: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ राज्यसभा में बुधवार को हंगामे के विरोध में विपक्षी दल आज केंद्र सरकार के खिलाफ मार्च निकाल रहे हैं। विपक्षी दलों के सांसदों विजय चौक तक पैदल मार्च कर रहे हैं। इस मार्च में शशि थरूर व राहुल गांधी सहित कई बड़े विपक्षी नेता शामिल हुए हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि मानसून सत्र के दौरान सरकार ने विपक्ष को संसद में बोलने की अनुमति नहीं है। यह लोकतंत्र की हत्या है। इससे कुछ देर पहले ही आज राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक भी की थी।
पेगासस को बनाया मुद्दा
विपक्ष के मार्च के बाद राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा था लेकिन केंद्र सरकार ने पेगासस जासूसी मुद्दे पर बहस करने से साफ इनकार कर दिया। हमने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां आपसे बात करने आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया। ये देश के लोकतंत्र की हत्या है। राहुल गांधी ने कहा कि संसद में देश के 60 प्रतिशत लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है।
शरद पवार ने भी सरकार पर साधा निशाना
वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि बीते 55 साल की राजनीति में उन्होंने ऐसी राजनीतिक स्थिति नहीं देखी कि महिला सांसदों पर ही सदन के भीतर हमला किया गया हो। उन्होंने कहा कि सांसदों को नियंत्रित करने के लिए 40 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को बाहर से सदन में लाया गया। यह दर्दनाक है। यह एक हमला है। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की बात करती है, लेकिन महिलाओं की आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है। प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि जिस तरह से महिला सांसदों का अपमान किया गया, यह काफी शर्मनाक है।