MP:Conflict increased between employees and government: digi desk/BHN/ भोपाल/महंगाई भत्ते (डीए) की मांग को लेकर सरकार और कर्मचारियों के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश अधिकारी एवं कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने चरणबद्घ आंदोलन की चेतावनी दी तो सरकार भी कहां पीछे रहने वाली थी। सरकार ने मोर्चा के इस निर्णय को मप्र सिविल सेवा नियम के तहत कदाचरण की श्रेणी में रखते हुए कलेक्टरों को आंदोलन करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इससे नाराज कर्मचारी गुरुवार को सामूहिक अवकाश पर जा रहे हैं।
प्रदेश के कर्मचारियों को दो साल से डीए नहीं मिला है। हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों का डीए 28 फीसद कर दिया है जबकि राज्य के कर्मचारियों को अब भी 12 फीसद मिल रहा है। 16 फीसद के इस अंतर ने कर्मचारियों को आंदोलित कर दिया है। कर्मचारियों की सक्रियता को देखते हुए सरकार ने तीन दिन पहले दो वेतनवृद्घि का लाभ तो दे दिया है, पर जुलाई 2020 एवं जनवरी 2021 की वेतनवृद्घि के एरियर की घोषणा नहीं की। यह भी नहीं बताया कि सरकार एरियर कैसे (नकद या भविष्य निधि) देगी।
आंदोलन की कमान मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने संभाल रखी है, जो सरकार का ही संगठन कहा जाता है। नियम एवं निर्देशों को ढाल बनाया सरकार ने कर्मचारियों के आंदोलन को कुचलने के लिए मध्य प्रदेश सिविल सेवा नियम और कोरोना संक्रमण को लेकर जारी निर्देशों को ढाल बनाया है। कलेक्टरों से कहा गया है कि इन नियम-निर्देशों के तहत आंदोलन करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।