सतना/ चित्रकूट, भास्कर हिंदी न्यूज़/ गुरु पूर्णिमा पर्व को मनाने के लिए शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु धर्म नगरी चित्रकूट पहुंचे। आश्रम के महंतों, संत और मठ प्रमुखों की कोरोना नियमों के तहत मनाही के बावजूद हजारों भक्त चित्रकूट में सुबह से ही पहुंचने लगे। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में स्नान किया और फिर भगवान कामदगिरि की परिक्रमा व दान दक्षिणा की। इसके साथ ही चित्रकूट के प्रमुख मठ मंदिरों में अपने गुरुओं के पास पहुंच कर उनकी पूजा अर्चना की।
गुरु पूर्णिमा का चित्रकूट में खास महत्व
शनिवार सुबह से ही चित्रकूट में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। जिसे देखते हुए पुलिस ने यहां चाक चौबंद व्यवस्था की। गुरु पूर्णिमा का चित्रकूट में विशेष महत्व है। यहां पर प्रतिवर्ष लोग दूर-दूर से भारी संख्या में आते हैं, लेकिन इस बार गुरु पूर्णिमा में कोरोना का असर दिख रहा है, लेकिन फिर भी भक्त अपने-अपने गुरुओं के पास सेवा भाव से पहुंच रहे हैं। ज्ञात हो कि धर्मनगरी चित्रकूट में निरंजनी अखाड़ा, सती अनुसुइया आश्रम समेत, सैकड़ो संत, महात्माओं के आश्रम हैं जिनके भक्त देश और दुनिया भर में हैं। जिनकी चरण वंदना का विशेष महत्व गुरु पूर्णिमा के दिन होता है। यह महत्व भगवान राम की चित्रकूट प्रवास से चला आ रहा है।
यहां पहुंच रहे शिष्य
इस बार चित्रकूट में गुरु पूर्णिमा में भीड़भाड़ कर यह पर्व ना मनाने का निर्णय धारकुंडी आश्रम प्रबंधन द्वारा कोविड के चलते लिया गया था लेकिन भक्त आज सुबह से ही पहुंचने लगे। इसमें चित्रकूट के पुरानी लंका, आचार्य आश्रम, कामदगिरि प्राचीन मुखारविंद मंदिर, कामदगिरि मंदिर राम मोहल्ला, सनकादिक आश्रम, पंजाबी भगवान आश्रम, रघुवीर मंदिर, कांच मंदिर तुलसी पीठ चित्रकूट, रावतपुरा सरकार आश्रम, संतोषी अखाड़ा, गायत्री शक्तिपीठ, राम धाम मंदिर, भरत मंदिर, यज्ञवेदी मंदिर, स्वर्ग आश्रम पीली कोठी, सती अनुसूइया आश्रम, रामायणी कुटी, फलाहारी आश्रम, वेदांती आश्रम, सुतीक्षण मुनि आश्रम, सरभंग ऋषि आश्रम समेत चित्रकूट के प्रमुख मठ मंदिरों शिष्यों का पहुंचना शुरू हुआ। इसके साथ ही धारकुंडी आश्रम, सती अनुसूया आश्रम और सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के रघुवीर मंदिर में भी सादगी से गुरु पूर्णिमा मनाई गई।