Thursday , November 28 2024
Breaking News

Guru Purnima : महर्षि वेद व्यास की जन्मतिथि पर मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा, ऐसे करें गुरु पूजा

Guru Purnima : digi desk/BHN/नई दिल्ली /भारत में गुरु पूर्णिमा त्योहार का विशेष महत्व है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेद व्यास के जन्म तिथि के अवसर पर ही गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। भारतीय पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पुर्णिमा पर्व मनाया जाता है और इस साल गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई, शनिवार को मनाई जा रही है।

गुरु पूर्णिमा का महत्व

मानव जाति में चारों वेदों का विशेष महत्व है। वेदों को दुनिया का सबसे प्राचीन ग्रंथ और ज्ञान का भंडार माना गया है। वेदों के महान ज्ञाता गुरु महर्षि वेद व्यास जी के जन्म तिथि के अवसर पर गुरु पूर्णिमा पर्व को मनाया जाता है। गुरु वेद व्यास प्रकांड ज्ञानी थे और कई सिद्धांतों का सूत्रपात किया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन भारत से ही गुरु को माता-पिता से भी परम मान गया है क्योंकि गुरु ही शिष्यों को गलत मार्ग पर चलने से बचाते हैं और जीवन को सही रास्ते पर लेकर जाते हैं। गुरु के बिना जीवन को अकल्पनीय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सनातन धर्म में 18 पुराण हैं और उनमें से अधिकांश की रचना महर्षि वेद व्यास ने ही की है।

गुरु पूर्णिमा पूजा विधि

सुबह जल्द उठकर स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य मंत्र का जाप करें। इसके बाद अपने गुरु का ध्यान करें। बाद में भगवान विष्णु की पूजा करें और उनके अच्युत अनंत गोविंद नाम का 108 बार जाप करना न भूलें। विष्णु पूजा के दौरान आटे की पंजीरी बनाकर इसका भोग लगाएं। ऐसी मान्यता है कि इस प्रसादी के ग्रहण करने से परिवार का स्वास्थ्य उत्तम रहता है।

गुरु पूर्णिमा पर बन रहे विशेष योग

इस वर्ष गुरु पूर्णिमा पर विशेष योग बन रहे हैं, जो आपके लिए खास साबित हो सकते हैं। चलिए जानते हैं इन योग के बारे में..

विष्कुंभ योग- 24 जुलाई 2021 दिन शनिवार की सुबह 06ः12 बजे तक

प्रीति योग- 25 जुलाई 2021 दिन रविवार की सुबह 03ः16 बजे तक

आयुष्मान योग- 25 जुलाई 2021 दिन रविवार की सुबह 03ः17 मिनट के बाद।

 

About rishi pandit

Check Also

आगर-मालवा के कालीसिंध नदी किनारे चमत्कारी मंदिर, जहां जलता है पानी से दीया

भारत में बहुत से प्राचीन और रहस्यमयी मंदिर है. जिसके चलते भारत को मंदिरों का …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *