Pegasus Spyware:digi desk/BHN/ भारत सरकार पर फिर से जासूसी के आरोप लगने के बाद देश में पेगासस स्पाईवेयर लगातार चर्चा में बना हुआ है। इंटरनेशनल मीडिया कंसोर्टियम की रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि भारत सरकार ने पेगासस स्पाईवेयर के जरिए 300 से ज्यादा लोगों के फोन टैप कराए गए हैं। इनमें दो केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के तीन नेता, 40 से अधिक पत्रकार, एक मौजूदा जज, सामाजिक कार्यकर्ता और कई उद्योगपति शामिल हैं। यहां हम इस स्पाईवेयर के बारे में बता रहे हैं।
यह स्पाईवेयर पहली बार साल 2019 में खबरों में आया था। इस समय कई WhatsApp यूजर्स को व्हाट्सऐप की ओर से मैसेज मिला था कि उनके फोन को पेगासस की मदद से ट्रैक किया जा रहा है। इसे साइबर वेपन्स बनाने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ ने बनाया है। NSO Group अपना पेगासस सॉफ्टवेयर को सिर्फ सरकार को ही बेचती है और इसके दुरुपयोग की जिम्मेदारी नहीं लेती है।
कैसे करता है जासूसी
यह स्पाईवेयर टारगेट के फोन पर एक्सप्लॉइट लिंक भेजता है, जिसे क्लिक करते ही वह फोन में इंस्टॉल हो जाता है। इसके बाद यह यूजर्स की सारी डिटेल्स जासूसी करने वाले के पास चली जाती हैं। यह यूजर की एंड टू एंड एनक्रिप्टेड चैट को भी पढ़ सकता है और हर एप एक्टिविटी ट्रैक कर सकता है। साथ ही यह लोकेशन, डेटा और वीडियो कैमरा के डेटा के साथ छेड़छाड़ कर सकता है। सितंबर 2018 में टोरंटो के सिटीजन लैब ने बताया कि पेगासस स्पाईवेयर इतना खतरनाक है कि बिना यूजर के परमिशन के वह फोन में इंस्टॉल हो जाता है। उस समय यह स्पाईवेयर दुनियाभर के लगभग 45 देशों में ऐक्टिव था।
पेगासस स्पाइवेयर कैसे बच सकते हैं
पेगासस स्पाइवेयर के सामने आने के बाद सभी कंपनियों ने अपना सिक्योरिटी सिस्टम काफी बेहतर कर दिया है। इस वजह से अब आपके फोन का हैक होना काफी मुश्किल है और स्पाईवेयर से भी यह आसानी से हैक नहीं होता, लेकिन आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। कभी भी अपने फोन में थर्ड पार्ट एप न डाउनलोड करें और किसी भी अनजान लिंक पर गलती से भी न क्लिक करें। टोरेंट साइट से फिल्में भी न डाउनलोड करें। ऐसा करके आप अपने फोन को हैक होने से बचा सकते हैं।