MPCM Shivraj singh: digi desk/BHN/विदिशा/ बेटी की शादी हो तो माता-पिता को फुर्सत नहीं मिलती है। कुछ ऐसी ही हालत गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की थी। वे कभी बाढ़ वाले गणेश मंदिर पर व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचते तो कभी विवाह स्थल का। हर व्यवस्था पर उनकी नजर थी। वे दोपहर से रात तक व्यस्त रहे, आखिर उनकी तीन बेटियों की शादी जो थी। वे अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ एक सामान्य माता-पिता की तरह हर व्यवस्था पर नजर रखे हुए थे। शाम को जब बाढ़ वाले गणेश मंदिर पर तीन दूल्हों की बरात आई तो द्वारचार की रस्म उनके बेटे कार्तिकेय और कुणाल ने निभाई। वहीं मुख्यमंत्री ने स्वागत द्वार पर हाथ जोड़कर बरातियों की अगवानी की। इसके बाद विवाह की रस्में चलती रही। जब तीनों बेटियों की विदाई का वक्त आया तो प्रदेश के मुखिया भावुक हो गए।
यह पल हर माता-पिता के जीवन में आता है जब वे अपनी बेटी को विदा करते हैं, लेकिन यहां मुख्यमंत्री अपनी दत्तक बेटियों को विदा कर रहे थे तो ऐसा लग रहा था कि उनकी सगी बेटियां विदा हो रही हैं। मुख्यमंत्री की कोई सगी बेटी नहीं है। उन्होंने 22 साल पहले सांसद रहते सात बेटियों को गोद लिया था। तब से यही बेटियां उनकी सबकुछ रही हैं। उनके रहन-सहन से लेकर पढ़ाई और शादी की जिम्मेदारी भी चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह ने ही निभाई है। सुंदर सेवा आश्रम में रहने वाली सात में से चार बेटियों की पहले शादी हो चुकी है।
गुरुवार को प्रीति, राधा और सुमन की शादी हुई। इस शादी के लिए मुख्यमंत्री 11 घण्टे विदिशा में ही रहे। कोरोना महामारी के चलते विवाह स्थल पर कुछ चुनिंदा मेहमान ही मौजूद थे। दिन के समय मुख्यमंत्री ने हेलीकाप्टर से विदिशा आने पर ही कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर ली थी ताकि शाम के समय कार्यकर्ताओं की भीड़ विवाह स्थल तक ना पहुंचे। उन्होंने आग्रह किया था कि कार्यकर्ता अपने घरों से ही बेटियों को आशीर्वाद दें। विवाह स्थल पर वीआईपी अतिथि के रूप में सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी कुछ देर के लिए पहुंचे थे।
मंदिर के आंगन में हुआ पाणिग्रहण संस्कार
गणेश मंदिर के आंगन में ही तीनों बेटियों के विवाह के लिए मंडप बनाए गए थे। जहां पर पंडित विष्णु प्रसाद शास्त्री, पं. संतोष शास्त्री और पं. रामबाबू शास्त्री ने मुख्यमंत्री चौहान और उनकी पत्नी को कन्यादान का संकल्प दिलाया। चौहान दंपति ने शादी की सभी रस्मों के साथ तीनों बेटियों का कन्यादान किया। इसके बाद भंडारी गार्डन में वरमाला का आयोजन किया गया। जहां पर मेहमानों ने नवयुगलों को बधाइयां दी। इस आयोजन में प्रीति और सुमन का विवाह विदिशा में ही रहने वाले रोहन और प्रशांत यादव के साथ हुआ। वहीं राधा का विवाह रायसेन जिले की बरेली तहसील के रहने वाले सोनू मेहरा के साथ संपन्न हुआ।
विदाई पर भावुक हुए सीएम
रात के समय जब तीनों बेटियों की विदाई का मौका आया तो मुख्यमंत्री चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान दोनों ही भावुक हो गए। उन्होंने नम आंखों से अपनी बेटियों को विदाई दी। मुख्यमंत्री चौहान का कहना था कि इन बेटियों को उन्होंने पिछले 22 वर्षों से अपनी बेटियों की तरह ही पाला है। आज उनकी विदाई के समय भावुक होना स्वभाविक है लेकिन वे खुश भी हैं कि उनकी बेटियां नया जीवन शुरू करने जा रही हैं। वहीं साधना सिंह का कहना था कि माता पिता की जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती हैं। अभी शादी की जिम्मेदारी से मुक्त हुए हैं।