Block marriage on 16th july: digi desk/BHN/सागर/ मांगलिक कार्यों का यह सीजन कोरोना संक्रमण के चलते सरकार द्वारा तय की गई पाबंदियों के बीच बीता। विवाह सीजन के अंतिम समय में विवाह में सौ लोगों के शामिल होने की अनुमति दी गई। इसके पहले सीमित लोगों की मौजूदगी में ही विवाह कार्यक्रम हुए। इससे इस सीजन में विवाह आयोजनों में होने वाली रौनक फीकी ही रही। जुलाई में 16 तारीख तक ही विवाह मुहूर्त है। इसके बाद 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी से विवाह मुहूर्तों में चार महीने तक ब्रेक लग जाएगी।
देवता जागने के पश्चात नवंबर में फिर मांगलिक कार्य शुरू होंगे। ऐसे उम्मीद है कि उस समय तक कोरोना संक्रमण पूरी तरह शांत हो जाएगा और लोग पहले की तरह ही विवाह आयोजन उल्लास, उमंग और अपनों के साथ कर सकेंगे। लोगों का कहना है कि इस साल अप्रैल की शुरुआत में ही कोरोना संक्रमण ने तेजी से पैर पसार लिया। अप्रेल कके मध्य से लाकडाउन हो गया। इससे सीमित लोगों के बीच ही लोगों ने जैसे-तैसे विवाह आयोजन किए। मई, जून में भी यही स्थिति रही। जुलाई में विवाह मुहूर्त के अंतिम दिनों में थोड़ी बहुत रियायत मिली, लेकिन यह भी एक तरह की पाबंदी ही है।
लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण मुक्त होने पर नवंबर व दिसंबर में ही पिछले साल की तरह ही अच्छे से विवाह होने की आस है। शादी विवाह से जुड़े कारोबारी इनमें सोना-चांदी के विक्रेता, कपड़ा व्यापारी, बैंडबाजे व शादी घर वालों का कहना है कि कोरोना संक्रमण में इस सीजन में उनका कारोबार प्रभावित रहा। पाबंदी के चलते कई लोगों ने बुक किए मैरिज गार्डन भी रद्द कराए। व्यापारियों के मुताबिक पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते व्यापार चौपट हुआ है। वहीं पं. कमलकांत के अनुसार जुलाई में 16 तक विवाह मुहूर्त है। 20 को देवशयनी एकादशी के बाद चार महीने के लिए देव शयन करेंगे। 15 नवंबर के पश्चात देवउठनी एकादशी के बाद फिर मांगलिक कार्य शुरू होंगे।