Masik Shivratri 2021:digi desk/BHN/ हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। पंचांग के इस साल मासिक शिवरात्रि 8 जुलाई गुरूवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिवजी की विधि-विधान से पूचा-अर्चना करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से भोलनाथ भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।
मासिक शिवरात्रि पर दो शुभ योग बन रहे
मासिक शिवरात्रि के दिन वृद्धि और ध्रुव योग बन रहे हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक वृद्धि योग शाम 4.20 मिनट तक रहेगा। इसके बाद ध्रुव योग लगेगा। शास्त्र में दोनों योगों को बेहद शुभ माना गया है। कहा जाता है कि इन योग में किए गए सभी काम सफल होते हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजन विधि
मासिक शिवरात्रि वाले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव की जल, धी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से आभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं। शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव चालीसा या शिव श्लोक का पाठ करें। शाम को फल खा सकते हैं, लेकिन अन्न ग्रहण नहीं करना है। अगले दिन भगवान शिव की पूजा कर अपना व्रत खोलें।
पौराणिक कथा के अनुसार एक चित्रभानु नामक शिकारी जानवरों की हत्या कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। उसे एक साहूकार को कर्ज लौटाना थे। समय पर पैसे नहीं देने के कारण साहूकार ने शिकारी को बंदी बना लिया और शिवमठ में डाल दिया। इस दिन शिवरात्रि थी। मठ में हो रही शिवरात्रि व्रत कथा को शिकारी ने बहुत ध्यान से सुना। जब शाम को साहूकार ने शिकारी से ऋण के बारे में पूछा तो उसने अगले दिन रकम चुकाने की बात कही। तब साहूकर ने उसे छोड़ दिया। बंदी होने के कारण शिकारी भूखा था। शिकार की तलाश में जब रात हो गई तो उसने जंगल में रहने का फैसला किया। वह तालाब के किनारे शिवलिंग के पास एक बेल के पेड़ पर चढ़कर सुबह का इंतजार करने लगा। पड़ाव बनाते समय शिवलिंग पर कई साले बेलपत्र टूटकर गिरते गए। ऐसे में भूखे प्यासे शिकारी का व्रत हो गया और शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ गया। वहीं रात्रि जागरण भी हो गया। सुबह उसने एक हिरण को देखा लेकिन हृदय परिवर्तन के चलते उसने उसे छोड़ दिया। इससे शिकारी को मोक्ष की प्राप्ति हुई।