“नेशनल डाक्टर्स डे पर विशेष”
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज/ सेवा समर्पण और संवेदना से परिपूर्ण व्यक्तित्व है जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.अशोक अवधिया का। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जब कोरोना के भय से मेडीकल स्टाफ की उपस्थिति में कमी और आक्सीजन की आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने की आशंका के दौर में सीएमएचओ डाक्टर अवधिया स्वयं पीपीई किट पहनकर कोविड वार्ड और आईसीयू में जाते थे और रात-रात भर जागकर मेडीकल स्टाफ और चिकित्सकों की हौसला अफजाई करते थे तब गंभीर मरीजों के मन में भी इस महामारी से निजात पाने का भरोसा जागता था।
जिला प्रशासन और कोविड नियंत्रण के जिले के प्रभारी मंत्री के मार्गदर्शन में कोविड 19 महामारी से निपटने और रोगियों के उपचार तथा दवाओं और आक्सीजन की आपूर्ति सतत बनाये रखने में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अवधिया ने कैप्टन की भूमिका कुशलतापूर्वक निभाई। डा0 अवधिया का कहना है कि डाक्टर का मूलधर्म ही है कि वह सब कुछ संभव प्रयास कर मरीजों की जान बचाए। मरीजों की जान बचाना सबसे बडा पुण्य का काम है और डा.का परम कर्तव्य और धर्म भी है। गंभीर मरीजों के उपचार के साथ हमारे डाक्टरों ने मरीज के परिजनों का संवेदनशीलता के साथ आक्रोष भी सहा और उन्हें समझा बुझाकर संतुष्ट भी किया। जिला चिकित्सालय के ट्रामा युनिट के आईसीयू और कोविड वार्ड में बेड की कमी हुई तो अस्पताल के सभी वार्डो को कोविड मरीजों के लिए सेन्ट्रल आक्सीजन पाइप लाईन बिछाकर तैयार किया गया। कोविड मरीजों की बडी तादाद के मद्देनजर मैन पावर की कमी भी महसूस हुई लेकिन हमारे डाक्टर और पैरामेडीकल स्टाफ ने रात-दिन मरीजों की उपचार सेवा कर उन्हें जीवनदान दिया।
जिला मुख्यालय के अलावा ब्लाक स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी कोविड मरीजों के उपचार की व्यवस्था की जिम्मेदारी भी डा. अवधिया के जिम्मे रही। वहीं होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड पाजिटिव मरीजों के उपचार, निगरानी और मार्गदर्शन प्रदान करने की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.अवधिया ने जिले के सभी डाक्टरों को डाक्टर डे की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए हर कठिन चुनौती में डाक्टरों से अपना धर्म निभाने की अपेक्षा की है।