Corona vaccine: digi desk/BHN/ Covid वैक्सीन से न सिर्फ इम्युनिटी मजबूत होती है बल्कि यह लंबे समय तक बनी भी रह सकती है।कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए तैयार की गईं वैक्सीन के प्रभाव को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैक्सीन लगवाने वाले 14 प्रतिभागियों से सेल्स (कोशिकाओं) के नमूने एकत्र किए गए। ये नमूने वैक्सीन की पहली डोज लगने के तीन, चार, पांच और सात हफ्ते बाद लिए गए। दस प्रतिभागियों ने वैक्सीन की पहली डोज लगने के 15 हफ्ते बाद भी नमूने दिए। पूर्व में इन प्रतिभागियों में से कोई भी कोरोना की चपेट में नहीं आया था। शोधकर्ताओं ने वैक्सीन लगवाने वाले 41 प्रतिभागियों के रक्त के नमूने भी जुटाए थे।
इनमें से आठ प्रतिभागी पूर्व में कोरोना से पीड़ित हुए थे। इन प्रतिभागियों से रक्त के नमूने वैक्सीन की पहली खुराक लगने से पहले और लगने के चार, पांच, सात और 15 हफ्ते बाद भी लिए गए थे। पूर्व में संक्रमित नहीं होने वाले लोगों में वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद एंटीबॉडी के स्तर में धीरे-धीरे बढ़ोतरी पाई गई। जबकि कोरोना से पीड़ित होने वाले लोगों के रक्त में वैक्सीन लगने से पहले ही एंटीबॉडी की मौजूदगी पाई गई।
अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं को इस बात के ठोस प्रमाण मिले हैं। उन्होंने खासतौर पर मॉडर्ना और फाइजर की वैक्सीन को लेकर यह अध्ययन किया है।