Parliamentary panel instructed facebook and twitter: digi desk/BHN/ कांग्रेस नेता शशि थरुर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने सचिवालय को आदेश दिया है कि IT मंत्री रविशंकर प्रसाद के अकाउंट को ब्लॉक करने के मामले में Twitter से लिखित में जवाब मांगे। इसके लिए कंपनी को दो दिनों का समय दिया गया है। संसदीय समिति के मुताबिक जवाब से संतुष्ट होने पर Twitter के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
इससे पहले मंगलवार को Facebook और Google के अधिकारी संसदीय समिति के सामने पेश हुए और नये आईटी नियमों पर अपना पक्ष रखा। सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति ने सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग के मुद्दे पर इन कंपनियों के अधिकारियों को समन किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर इस समिति के अध्यक्ष हैं। इस बैठक में समिति ने इन दोनों कंपनियों से नए आईटी नियमों और देश के कानून का पालन करने का निर्देश दिया। संसदीय समिति की बैठक का मकसद नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना और सोशल मीडिया-ऑनलाइन समाचार मीडिया मंचों के दुरुपयोग को रोकना है।
इससे पहले फेसबुक के प्रतिनिधियों ने संसदीय समिति को सूचित किया था कि कोविड संबंधी प्रोटोकॉल के चलते उनकी कंपनी अपने अधिकारियों को भौतिक मौजूदगी वाली बैठकों में जाने की अनुमति नहीं देती है। इस पर समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने जोर देकर कहा कि उसके अधिकारियों को बैठक में पहुंचना ही होगा क्योंकि संसदीय सचिवालय डिजिटल बैठक की अनुमति नहीं देता है।
यह संसदीय समिति आने वाले हफ्तों में यूट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया इकाइयों के प्रतिनिधियों को समन करेगी। इससे पहले ट्विटर के अधिकारियों की पेशी हो चुकी है। पिछली बैठक में समिति के सदस्यों ने ट्विटर को भी स्पष्ट तौर पर यही संदेश दिया था कि नये आईटी नियमों और भारत के अन्य कानूनों का पालन करना होगा। यहां कंपनी की नीतियां नहीं, देश का कानून चलेगा।