newdelhi: सम्पत्ति विवाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने अहम फैसला दिया है। पिता और बेटी के बीच के ऐसे ही विवाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता दिव्या कुकरेजा को निर्देश दिया कि वह पिता चिरंजीव लाल कुकरेजा की संपत्ति का इस्तेमाल कर रही हैं, इसलिए बदले में उन्हें व्यवसाय शुल्क का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने इसके लिए 10,000 रुपए प्रति माह की राशि तय की। जस्टिस प्रतिभा एम. सिह की पीठ ने केस की सुनवाई के दौरान कहा कि प्रतिवादी पिता सेवानिवृत्त इंजीनियर हैं, जबकि पढ़ी लिखी होने के कारण बेटी अपनी आजीविका कमाने में सक्षम है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि बेटी दिव्या अपने पिता के घर में एक कमरा, रसोईघर, शौचालय और बरामदे का इस्तेमाल कर रही हैं। ऐसे में फिलहाल उन्हें 1 अक्टूबर से पिता को 10 हजार रुपए प्रतिमाह भुगतान करने का निर्देश दिया जाता है। मामले में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
इसके बाद संपत्ति विवाद को लेकर पहले मामला साकेत मजिस्ट्रेट के पास पहुंचा, जहां फैसला चिरंजीव लाल कुकरेजा के पक्ष में आया था। इस फैसले को दिव्या ने जिला जज के पास चुनौती दी थी। वहां भी दिव्या के खिलाफ फैसला आया। इसके बाद निचली अदालत के फैसले को दिव्या ने साल 2019 में हाई कोर्ट में चुनौती दी।