Goods of substandred quality sent with a contract for sanitary pads: digi desk/BHN/भोपाल/ बागसेवनिया थाना पुलिस ने जन-औषधि केंद्र प्रबंधन की शिकायत पर दिल्ली की एक फर्म के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। आरोप है कि फर्म ने 65 लाख रुपये में सेनिटरी पैड की सप्लाई करने का ठेका लिया था। इसके बाद घटिया किस्म के सेनिटरी पैड भेज दिए। शिकायत की जांच के बाद कंपनी के तीन कर्ताधर्ताओं के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में खयानत का केस दर्ज कर लिया है।
बागसेवनिया थाना पुलिस के मुताबिक दुर्गेश नारायण गौतम विद्यानगर स्थित भारतीय जन-औषधि केंद्र के पदाधिकारी हैं। संस्था सस्ती दर पर औषधियां उपलब्ध कराती है। दुर्गेश नारायण ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया है कि जन-औषधि केंद्र ने जून 2019 में सेनिटरी पैड खरीदने के लिए पैंसठ लाख रुपए का टेंडर निकाला था। दिल्ली की सूर्य हाईजीन नाम की कंपनी को इसका ठेका मिला था। कंपनी संचालक श्रुति बंसल, युद्धवीर आनंद और वैभव गर्ग के साथ दुर्गेश नारायण ने अनुबंध किया था। अनुबंध के अनुसार कंपनी माल ने माल भेजना शुरू कर दिया। करीब 34 लाख रुपए का माल सप्लाई होने के बाद देखा गया कि सेनिटरी पैड की गुणवत्ता ठीक नहीं है। संदेह होने पर जन-औषधि केंद्र ने अनुबंध के समय कंपनी द्वारा भेजी गई गुणवत्ता संबंधी रिपोर्ट की जांच कराई। वह रिपोर्ट फर्जी निकली। इतना ही नहीं, जो सेनिटरी पैड सूर्य हाईजीन कंपनी के संचालकों ने अपनी फैक्ट्री में तैयार करना बताया, वह चीन से मंगाया गया था।
सप्लाई रुकवाई, नहीं लौटाया पैसा
जन-औषधि केंद्र ने गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण कंपनी के माल की डिलीवरी लेना बंद कर दिया। साथ ही कंपनी से कहा कि वह भेजा गया माल वापस लेकर जन-औषधि केंद्र द्वारा दी गई राशि वापस करे। लेकिन दो साल बाद भी कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने चुप्पी साध रखी है। इस मामले की शिकायत मई 2021 में शिकायत की गई। पुलिस ने जांच के बाद सूर्य हाईजीन कंपनी के तीनों संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।