इंदौर। बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल की हजारों लड़कियां देह व्यापार में लिप्त हैं। दलाल चेहरा और कद-काठी देखकर सौदा करते हैं। सूरत के उमरा क्षेत्र में 1800 स्पा चल रहे हैं। इनमें तीन हजार से ज्यादा लड़कियां काम करती हैं। पुलिसवालों को भी पता है। उन्हें अपने कमीशन से मतलब रहता है। यह पर्दाफाश सूरत से पकड़े गए आरोपित दलाल टीटू गाजी और आरुज सैयद ने विजय नगर थाने में एसआइटी के समक्ष किया है। आरोपित आरुज और टीटू को लड़कियों की खरीद-फरोख्त के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दोनों ने पायल, सलोनी, मीना, ज्योति और पलक को लड़कियां सप्लाई की थीं।
जब दोनों से पूछताछ की गई तो बताया कि 20 सालों से देह व्यापार में लिप्त हैं। गरीब तबके की लड़कियों को मोटी रकम देकर खरीद लेते हैं। पहले स्पा में देह व्यापार करवाते हैं। बाद में पैकेज के रूप में इंदौर व मुंबई सहित अन्य शहरों में भेज देते हैं।
टीटू ने बताया कि लड़कियों की बोली उनके चेहरे और कद-काठी को देखकर लगती है। वीडियो कॉल कर उन्हें बता देते हैं। पसंद करते ही दलाल आने-जाने के रुपये खाते में जमा करवा देते हैं। बाद में किस्तों में रुपये लेते रहते हैं। टीआइ तहजीब काजी के मुताबिक, दोनों आरोपित मूलतः चौबीस परगना पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के सहारे गुजरात के स्थायी निवास प्रमाण पत्र व आधार कार्ड बनवा लिए थे।