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MP Board 12th result: स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा- बारहवीं के मूल्यांकन का सीबीएसई फॉर्मूला मप्र बोर्ड में नहीं होगा लागू

MP Board 12th result: digi desk/BHN/भोपाल/ मध्यप्रदेश में सीबीएसई बारहवीं के मूल्यांकन का फार्मूला लागू नहीं होगा। सीबीएसई ने गुरुवार को बारहवीं के मूल्यांकन का फार्मूला जारी किया। इसमें सीबीएसई बोर्ड के बारहवीं के छात्रों का रिजल्ट दसवीं, ग्यारहवीं व बारहवीं के अंकों के आधार बनाया जाएगा। इसमें अंकों का विभाजन दसवीं के 30 फीसद, ग्यारहवीं के 30 फीसद व बारहवीं के 40 फीसद रखा गया है। हालांकि स्कूल शिक्षा राज्‍यमंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि मप्र बोर्ड में सीबीएसई के फार्मूले को लागू नहीं कर पाएंगे, क्योंकि माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध निजी स्कूलों के पास ग्यारहवीं का रिजल्ट नहीं है। उन्होंने पिछले साल कोरोनाकाल में सभी को जनरल प्रमोशन दिया था। इस कारण मंत्री समूह ने इस फार्मूले को खारिज कर दिया है।
एमपी बोर्ड बारहवीं के रिजल्ट पर सुझाव के लिए गठित मंत्री समूह की कमेटी आज मंत्रालय में गहन मंथन करेगी। अब मप्र बोर्ड के बारहवीं के लिए दसवीं व बारहवीं के आधार पर नया फार्मूला तैयार किया जा रहा है। शुक्रवार को बैठक कर मंत्री समूह अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगा। इस कमेटी में तकनीकी शिक्षा मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, चिकित्सा शिक्षामंत्री विश्वास सारंग, आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, राज्य मंत्री स्कूल शिक्षा इंदर सिंह परमार, आयुष मंत्री रामकिशोर कांवरे शामिल है। कमेटी का समन्वय प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि शमी कर रही है। कमेटी की एक बैठक चार दिन पहले हो चुकी है। आज इस कमेटी की दूसरी बैठक है। इसमें बारहवीं का रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। मंत्रियों की कमेटी के सुझाव पर बारहवीं के साढ़े सात लाख विद्यार्थियों का रिजल्ट तैयार किया जाएगा। इस रिजल्ट से कोई छात्र खुश नहीं होता है, तो कोरोना संक्रमण में कमी आने पर परीक्षा आयोजित की जाएगी। विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल हो सकता है।
इसलिए लागू नहीं हो पाएगा सीबीएसई का फार्मूला
सीबीएसई ने दसवीं व ग्यारहवीं व बारहवीं के अंकों के आधार पर रिजल्ट तैयार करने का फार्मूला दिया है, जबकि मप्र में मान्यता प्राप्त अधिकांश प्रायवेट स्कूलों में कोरोना के चलते वर्ष 2019-20 में स्थानीय कक्षाओं की वार्षिक परीक्षा नहीं हुई थी। केवल तिमाही एवं छमाही परीक्षा के नंबर प्रपत्र में भरे गए थे। वार्षिक परीक्षा के अंक के स्थान पर कोविड-19 के आदेश की सील लगाकर जनरल प्रमोशन दे दिया गया था। जबकि सरकारी स्कूलों में पिछले साल ग्यारहवीं की परीक्षा आयोजित करवा ली गई थी। जिससे इन छात्रों का रिजल्ट घोषित किया गया था। इससे पिछले साल ग्यारहवीं के छात्रों जनरल प्रमोशन मिलने के कारण बारहवीं में इनके अंकों को आधार नहीं माना जा सकता है। अब कमेटी द्वारा सीबीएसई से अलग फार्मूला बनाने की कवायद चल रही है। इसमें दसवीं व बारहवीं के अंकों रिजल्ट बनाने में शामिल रहेंगे, जबकि ग्यारहवीं के अंकों के लिए अलग से विकल्प की तलाश की जा रही है।

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