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Satna: सतना, रीवा समेत आठ जिलों में लागू हुआ हाॅल मार्क कानून, उज्जैन-धार में अनिवार्य नहीं

सतना,रीवा, जबलपुर, भोपाल, रतलाम में हैं सेंटर

सतना/भोपाल ,भास्कर हिंदी न्यूज़/ गहनों पर अनिवार्य हालमार्किंग का कानून रीवा, सतना, इंदौर में लागू हो गया है, जबकि उज्जैन-धार को इससे छूट मिली है। इंदौर-देवास-रतलाम समेत प्रदेश के सिर्फ आठ जिले ही हालमार्किंग कानून के दायरे में आए हैं। मप्र सराफा एसोसिएशन की मांग पर हालमार्किंग कानून के पुराने प्रस्ताव में संशोधन के बाद सरकार ने इसे लागू करने का आदेश जारी किया है। सराफा एसोसिएशन की आपत्ति और सुझाव के बाद हालमार्किंग में शामिल कैरेट्स की श्रेणी भी तीन से बढ़ाकर छह की जा रही है।

बीते समय केंद्र सरकार ने हालमार्किंग का जो खांका पेश किया था उसमें सिर्फ तीन श्रेणियों 14, 18 और 22 कैरेट में ही गहनों को हालमार्क देने का प्रावधान था। मप्र सराफा एसोसिएशन ने सवाल खड़ा किया था कि प्रदेश और प्रदेश के बाहर 20, 21 से लेकर 24 कैरेट के गहने भी बनाए और बेचे जाते हैं। प्रावधान में इन गहनों को हालमार्क देने का नियम ही नहीं है।

सराफा एसोसिएशन से संबंधित ज्वैलर्स डेवलपमेंट एसोसिएशन ने इसके साथ ही कुछ ओर विसंगतियों को लेकर हाई कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी थी। इसमें सवाल खड़ा किया गया था कि मप्र के चुनिंदा बड़े शहरों में सिर्फ 18 हालमार्किंग सेंटर है। बीते महीने उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से हालमार्किंग की विसंगतियों पर मप्र सराफा एसोसिएशन के सचिव संतोष सर्राफ ने सीधे बात करते हुए विसंगितयों की ओर ध्यान दिलाया था। इंदौर सराफा एसोसिएशन के सचिव अविनाश शास्त्री के अनुसार 15 जून से लागू हालमार्क कानून में उन्ही सुझावों के अनुसार संशोधन किया गया है।

फिलहाल अनिवार्य हालमार्किंग को उन्हीं जिलों में लागू किया गया है जहां हालमार्किंग सेंटर उपलब्ध है। ताजा स्थिति में इंदौर के अलावा भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सतना, देवास और रतलाम में सेंटर है। अन्य तमाम जिले वह भले धार हो या खंडवा और खरगोन जहां हाल मार्किंग के लिए सेंटर नहीं है वहां अभी कानून लागू नहीं होगा। उज्जैन में भी आज की स्थिति में हालमार्किंग सेंटर नहीं है। हालांकि एक सप्ताह में वहां सेंटर खुलने की बात की जा रही है, ऐसे में सेंटर खुलने के बाद उज्जैन के ज्वैलर्स हालमार्किंग के दायरे में आ जाएंगे।

गहने गलाने की नौबत नहीं

इंदौर सराफा एसोसिएशन के सचिव अविनाश शास्त्री के अनुसार पुराने प्रस्ताव के लागू होने के बाद डर था कि हालमार्किंंग के बाद ज्वैलर्स को स्टाक के कई गहने गलाना पड़ सकते हैं। अब ऐसा नहीं है। असल में सरकार ने दो छूट दी है 1 सितंबर तक बिना हालमार्किंग के गहने भी बेचे जा सकेंगे। इस अवधि में कोई कार्रवाई नहीं होगी। हालमार्किंग में 20,21, 23 और 24कैरेट की श्रेणी भी शामिल करने का नोटिफिकेशन एक सप्ताह में जारी हो सकता है।

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