Corona Vaccination:digi desk/BHN/ केन्द्र सरकार ने देश भर में कोरोना के टीकाकरण का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया है और इसे सफल बनाने की तमाम तैयारियों में जुटी है। सरकार के सामने कोरोना के टीके खरीदने की समस्या नहीं है, असली समस्या है, देश के दूर-दराज के इलाकों और दुर्गम स्थलों तक इसकी सप्लाई, ताकि ना तो इसकी बर्बादी हो और ना ही पहुंचने में दिक्कत। इसके उपाय के तौर पर सरकार ड्रोन से कोरोना वायरस का टीका पहुंचाने की तैयारी में है।
केंद्र सरकार ने देश के दुर्गम इलाकों में ड्रोन के जरिए वैक्सीन पहुंचाने की सप्लाई करने की एक योजना तैयार कर ली है। इस योजना को IIT कानपुर के उस स्टडी के बाद स्वीकार किया गया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसा किया जाना संभव है। लेकिन वैक्सीन पहुंचाने वाले ड्रोन में वर्टिकल उड़ान भरने और और कम से कम 4 किलो का बोझ ले जाने की क्षमता होनी चाहिए।
सरकार की तरफ देश में सभी वैक्सीनों की खरीद करने वाली सरकारी कंपनी HLL लाइफ केयर (HLL Lifecare) की सब्सिडियरी कंपनी HLL Infra Tech Services Limited ने ड्रोन के जरिए वैक्सीन की सप्लाई के लिए इच्छुक कंपनियों से EOI (Expression of Interest) मंगाया है। इस मामले में 22 जून तक बिड जमा करना है। वैक्सीन की डिलिवरी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ICMR ने IIT कानपुर के साथ एक सफलतापूर्वक feasibility स्टडी की है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। वैसे अभी तक तेलंगाना ही देश का ऐसा राज्य है जो ड्रोन के जरिए वैक्सीन सप्लाई की योजना पर विचार कर रहा है।
कैसे Drone की है जरुरत?
- केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के मुताबिक, ड्रोन में वर्टिकल उड़ान की क्षमता होनी चाहिए।
- कम से कम 4 किलो बोझ लेकर उड़ने की क्षमता होनी चाहिए।
- इसके अलावा उसमें सामान की आपूर्ति करके अपने कंट्रोल सेंटर में लौटने की क्षमता भी होनी चाहिए।
- ICMR की शर्त है कि इस योजना के लिए काम करने वाले ड्रोन की उड़ान क्षमता 35 किमी होनी चाहिए।
- इनको 100 मीटर की ऊंचाई पर उड़ना चाहिए।
- ड्रोन की टेक ऑफ लैंडिंग DGCA की गाइडलाइंस के मुताबिक होगी।
- इस योजना में पैराशूट आधारित डिलिवरी को वरीयता नहीं दी जाएगी।
- वैक्सीन को सफलता पूर्वक जमीन पर लैंड करने पर फोकस होगा।
- इसके अलावा ड्रोन लगातार अपने कमांड सेंटर से जुड़ा हो और जिसकी लगातार निगरानी की जा सके।