Rambha Teej Vrat 2021: digi desk/BHN/ हिन्दू धर्म को आस्था व संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। हिन्दू पंचाग के अनुसार 13 जून, रविवार को ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को रंभा तीज व्रत पड़ रही है। यह वही खास त्यौहार है, जिसे करने के बाद महिलाओं को अपने पति की आयु लंबी होने के साथ सौभाग्य सुख की प्राप्ति होती है। इस खास दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और भगवान शिव व माता पार्वती जी की पूजा अर्चना करती हैं। व्रत को लेकर ऐसा भी माना जाता है कि यह अप्सरा रंभा से जुड़ा हुआ है इसलिए इनका भी सुमिरन किया जाता है।
रंभा तीज व्रत हर साल ज्योष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाती है और इस साल यह तिथि इसी माह यानी जून की 13 तारीख को पड़ रही है। इस व्रत को ‘रंभा तृतीय’ भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाली सुहागिन महिलाओं के लिए रंभा तीज व्रत बेहद ही खास है। इस दिन व्रत रखकर महिलाएं अपनी पति की लंबी आयु के लिए एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए इसे रखती हैं। शादी शुदा महिलाएं इस दिन माता लक्ष्मी जी की भी पूजा करके विशेष फल प्राप्त करती हैं। व्रत को लेकर ऐसा भी माना जाता है कि अप्सरा रम्भा ने भी यह व्रत किया था इसलिए इस व्रत को रंभा तीज कहा जाता है।
कब रहेगा रंभा तीज शुभ मुहूर्त
अगर आप भी शादी शुदा महिला हैं एवं अपने पति की लंबी आयु के साथ सौभाग्य, यौवन व संतान प्राप्ति की कामना करती है तो इसके लिए जरूरी है कि आप व्रत के शुभ मुहूर्त पर ही पूजा विधि करके माता लक्ष्मी को प्रसन्न करें। इस दिन तृतीय तिथि का आरंभ 12 जून शनिवार को रात्रि 02ः19 बजे होगा एवं तृतीय तिथि का समापन 13 जून रविवार को रात्रि 09ः42 मिनट पर होगा।
तीज पूजन विधि
हिन्दू धर्म में रंभा तीज का विशेष महत्व माना गया है अगर आप इस खास दिन पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना करती हैं तो निश्चित ही आपकी मन चाही इच्छा पूरी होगी। इसके लिए आप सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और पूजा करने का संकल्प लें। अब पूजा स्थल पर पूर्व दिशा में अपना मुख करके स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं। अब माता पार्वती और भगवान शिव जी की प्रतिमा की स्थापना करें। इसके बाद आप सर्व प्रथम भगवान गणेश जी की फिर भगवान शिव की और अंत में माता पार्वती जी की पूजा करें। इस पूजा में गाय का शुध्द घी ही इस्तेमाल करें। पूजा के दौरान भगवान शिव को चंदन, गुलाल और फूल समेत अन्य चीजें एवं माता पार्वती जी पर चंदन, हल्दी, मेंहदी, अक्षत, लाल फूल समेत सोलह श्रृंगार चढ़ाएं।
क्या है महत्व
अगर आप भी इस व्रत को करने के लिए इच्छुक हैं तो सबसे पहले आप इस व्रत के महत्व के बारे में अच्छे से जान लें। दरअसल व्रत को रखने से महिलाओं को सौभाग्य मिलता है। उनके पति की उम्र बढ़ती है संतान सुख की प्राप्ति होती है। रंभा तीज का व्रत रखने और दान देने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है एवं घर में सुख-समृध्दि आती है। यह व्रत महिलाएं सुंदर यौवन प्राप्ति के लिए भी रखती हैं।