छतरपुर,भास्कर हिंदी न्यूज़/ ऑक्सीजन और गुणों की खान बरगद से धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है। इसी कारण हर साल वट सावित्री व्रत पर महिलाएं बरगद के वृक्ष का पूजन करके अखंड सौभाग्य की मनौती मांगती हैं। शुक्रवार को वट वृक्ष की पूजा के साथ ही महिलाओं ने बरगद के पौधे रोपने का संकल्प लिया। उनके इस अभियान की चहुंओर प्रशंसा मिल रही है।
इस बार संक्रमण के दौर में जब टूटती सांसों को बचाने के लिए ऑक्सीजन कम पड़ गई तो सभी को पेड़-पौधों, हरियाली से खुशहाली और पर्यावरण का महत्व समझमें आ गया। सांसों की डोर न टूटे इसके इसके लिए दवा के साथ ऑक्सीजन की जरूरत ने यह बात साबित कर दी है कि प्रकृति का अंधाधुंध दोहन कई रोगों की वजह बन रहा है। यदि आने वाली पीढ़ी को सुरिक्षत जीवन देना है तो बरगद, पीपल, नीम, गिलोय, करंज, पलाश, अमलतास, इमली और जामुन जैसे अन्य छायादार पौधो को रोपकर उन्हें बचाना है। महिलाओं ने वट सावित्री व्रत पर परिवार की मंगल कामना के लिए ऑक्सीजन देने वाले बरगद, पीपल जैसे पौधों के साथ अन्य छायादार पौधे रोपकर अखंड सौभाग्य को बचाने के लिए मनौती भी मांगी।