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Apara Ekadashi: अपरा एकादशी व्रत के कारण पांडव जीते थे युद्ध, भगवान कृष्ण ने बताया था ये रहस्य

Apara Ekadashi 2021:digi desk/BHN/ पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक हर माह में दो एकादशी व्रत होते है। एक एकादशी व्रत कृष्ण पक्ष में आता है तो दूसरा शुक्ल पक्ष में आता है। वर्ष के सभी माह में आने वाले एकादशी व्रत का अपना धार्मिक महत्व होता है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अपरा एकादशी व्रत को करने से धन, संपत्ति और वैभव की प्राप्ति होती है। इस बार 6 जून को अपरा एकादशी व्रत आने वाला है और महाभारत काल में इस एकादशी व्रत का उल्लेख भगवान श्रीकृष्ण ने सबसे पहली किया था और इसी व्रत के प्रभाव ने पांडवों ने महाभारत युद्ध में जीत हासिल की थी। अपरा एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है।

धार्मिक ग्रंथों में अपरा एकादशी को लेकर उल्लेख

महाभारत जैसे धार्मिक ग्रंथ में भी उल्लेख मिलता है कि युधिष्ठिर के आग्रह करने पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपरा एकादशी व्रत के महत्व के बारे में पांडवों को बताया था। इस एकादशी के व्रत के प्रभाव स्वरूप पांडवों ने महाभारत का युद्ध जीत लिया। भगवान कृष्ण ने बताया था कि इस व्रत के दिन भगवान नारायण की पूजा करके आशीर्वाद लिया जाता है और विष्णु जी का व्रत रखते हैं।

श्रद्धालु के लिए यदि संभव हो तो गंगा स्नान भी जरूर करना चाहिए। मां गंगा में स्थान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा अपरा एकादशी के दिन तीर्थ स्थल की यात्रा भी करना चाहिए और दान पुण्य ला लाभ भी लेना चाहिए।

अपरा एकादशी 2021: तिथि और शुभ मुहूर्त

  • – अपरा एकादशी तिथि प्रारंभ- 05 जून 2021 को 04.07 मिनट
  • – अपरा एकादशी तिथि समाप्त- जून 06, 2021 को सुबह 06.19 मिनट तक
  • – अपरा एकादशी व्रत पारण मुहूर्त- 07 जून 2021 को सुबह 05.12 से सुबह 07:59 तक

ऐसे करें अपरा एकादशी व्रत की पूजा

  • – पूजा के लिए सुबह जल्दी उठें। स्वयं की शुद्धि के बाद पूजा अर्चना के लिए चौकी लगाएं।
  • – साफ जगह पर आसन बिछाकर भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।
  • – विष्णु जी की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद चंदन का टीका लगाकर पीले फूल अर्पित करें।
  • – भगवान विष्णु को तुलसी की पत्तियां जरूर चढ़ाना चाहिए।
  • – इसके अलावा सुपारी, लौंग, धूप-दीप से पूजा करें व पंचामृत, मिठाई और फलों का भोग लगाएं।
  • – आखिर में भगवान की आरती करने के बाद ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ का जाप करें और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी करें।
  • – अपरा एकादशी व्रत के दिन सिर्फ फलाहार लें और झूठ और परनिंदा जैसे बचना चाहिए।

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