Jagannath Puri Rath Yatra: digi desk/BHN/ पुरी/ श्री क्षेत्र धाम पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा इस साल 12 जुलाई को निकाली जाएगी। वहीं दूसरी ओर मंदिर की मरम्मत का भी कार्य करने की योजना बनाई जा रही है। जिसके लिए एक समय निर्धारित किया गया हैं दरअसल रथ यात्रा के दौरान जगन्नाथ मंदिर खाली हो जाता है। और यही वह समय होता है जब मंदिर की मरम्मत का कार्य किया जा सके।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि रथ यात्रा के दौरान मंदिर की मरम्मत को लेकर योजना तैयार की गई है। इस योजना के अनुसार रथ यात्रा में जब महाप्रभु अपने भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ मौसी के घर चले जाते हैं और रत्न सिंहासन खाली हो जाता है तब यही वो समय हो सकता है जब मंदिर की मरम्मत का कार्य संपन्न किया जाए। इसके साथ ही पार्श्व देवी देवता के मंदिरों की मरम्मत के लिए 5 वर्षीय कार्य योजना करने का निर्णय लिया गया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्था, कोर कमेटी सदस्य, राज्य पूर्त एवं निर्माण विभाग तथा जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के अन्य अधिकारी की उपस्थिति में जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक डा. किशन कुमार की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। जिसमें भारतीय पुरातत्व विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक जान्हवीज शर्मा, वैज्ञानिक संरक्षण विभाग के निदेशक डा. रामजी निगम ने प्रतिनिधित्व किया था। खड़गपुर स्थित भारतीय प्राद्यौगिकी प्रतिष्ठान के पूर्व प्रोफेसर तथा प्रख्यात विशेषज्ञ एवं पुरी जगन्नाथ मंदिर कोर कमेटी के मुख्य डा.ए.पी.गुप्ता, एन.सी.पाल, डीपी.मिश्र, विंदेश्वर पात्र एवं वी.के.रथ प्रमुख इस बैठक में उपस्थित रहे।
तीनों रथों में लगाया गया अख
जैसा की हमने पहले ही बता दिया है कि पुरी जगन्नाथ महाप्रभु की विश्व प्रसिध्द रथयात्रा आने वाली 12 जुलाई को निकाली जाएगी। मंदिर में सुबह भोग खत्म होने के बाद तीनों पूजा पंडा सेवकों के द्वारा श्री जगन्नाथ महाप्रभु, बड़े भाई बलभद्र, देवी सुभद्रा के प्रसाद माला जगन्नाथ मंदिर से आने के बाद रथखला यानी जगन्नाथ मंदिर कार्यालय में तैयार हो रही तीनों रथों में प्रसाद माला अर्पण किया गया है और ऐसे में महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिध्द रथयात्रा से पहले गुरूवार को चंदन यात्रा के अंतिम दिन तीनों रथों के चक्र में अख लगाया गया है।
कोविड नियमों का किया जाएगा पालन
जानकारी के लिए आपको बतादें कि जगन्नाथ मंदिर के पार्श्व देवी देवताओं के रखरखाव के लिए एक व्यापक पंचवर्षीय योजना तैयार करने के लिए बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है। जिसमें कोविड नियमों का पालन करते हुए व्यापक पंचवर्षीय योजना तैयार जगन्नाथ मंदिर गर्भगृह तथा अन्य स्थानों पर होने वाला वार्षिक मरम्मत को सम्पन्न किए जाने का निर्णय लिया गया है। जगन्नाथ मंदिर प्रशासन एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान के संयुक्त सहयोग से एक योजना बनाने के लिए बैठक में निर्णय लिया गया है।