Koreas robottic arm narrowly survived: digi desk/BHN/अंतरिक्ष में बढ़ रहा मलबा अब वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बन चुका है। 12 मई के दिन पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहा इंटरनेशनल स्पेस सेंटर अंतरिक्ष का एक छोटा मलबा रोबोटिक आर्म से जा टकराया। इस टक्कर से रोबोटिक आर्म में एक छेद हो गया है। यह रोबोटिक आर्म 17.6 मीटर लंबी है। इसका व्यास 14 इंच है। इस टक्कर से किसी भी तरह के ऑपरेशन में दिक्कत नहीं हुई है। हाल ही में इस घटना की तस्वीरें जारी की गई हैं। हालांकि, इन तस्वीरों से छेद का आकार समझ नहीं रहा है और न ही इस बात की जानकारी है कि रोबोटिक आर्म से टकराने के बाद मलबा कहां गया। कनाडाई स्पेस एजेंसी के ऑपरेटर्स ने रोबोटिक आर्म में एक छेद देखा है। स्पेस एजेंसी के अधिकारियों ने एक ब्लॉग में कहा है कि ये छेद आर्म के आकार से छोटा है।
कैसे बनता है अंतरिक्ष में मलबा
अंतरिक्ष में दो तरह के मलबे होते हैं। पहला जिसे इंसानों ने बनाया है, जैसे कई स्पेसक्राफ्ट या सैटेलाइट्स निष्क्रिय हो जाने के बाद अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहे हैं। इस तरह के मलबे की बड़ी मात्रा अंतरिक्ष में मौजूद है और इसकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरा मलबा प्रकृति से बना था। इसकी मात्रा काफी कम है और यह बढ़ भी नहीं रहा है। यह मलबा क्षुद्रग्रह, धूमकेतु और उल्कापिंड से पैदा होता है। अंतरिक्ष में मलबा और स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में टक्कर होने पर बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है। इस वजह से अंतरिक्ष का मलबा ज्यादा खतरनाक होता है।
इस टक्कर के बाद भी रोबोटिक ऑर्म में कोई खराबी नहीं है। स्पेस स्टेशन के लिए यह अच्छी खबर है। कनाडाई स्पेस एजेंसी और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इस घटना पर पैनी नजर बना रखी थी। कनाडाई स्पेस एजेंसी ने कहा “रोबोटिक आर्म का काम किसी तरह से प्रभावित नहीं हुआ है। हालांकि, आर्म बूम और थर्मल ब्लैंकेट के एक छोटे से हिस्से में थोड़ा नुकसान हुआ है। यह रोबोटिक आर्म क्यूबेक के मॉन्ट्रियल में स्थित कनाडाई स्पेस एजेंसी से ऑपरेट होता है।