Coronavirus MP:digi desk/BHN/भोपाल/भोपाल, सीधी और सिंगरौली जिले में संक्रमण की कड़ी नहीं टूट रही है। भोेपाल में पिछले कुछ दिनों से 650 से 700 के बीच प्रकरण आ रहे हैं। इससे लगता है कि कुछ क्षेत्रों में संक्रमण की स्थिति बनी हुई है। इसी तरह सीधी और सिंगरौली में भी प्रकरण सामने आ रहे हैं। इन जगहों पर संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग रणनीति बनाई जाए। कोरोना कर्फ्यू का सख्ती के साथ पालन कराया जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौेहान ने कोरोना नियंत्रण की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को दिए।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में भोपाल, सीधी और सिंगरौली जिले की समीक्षा की गई। इसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि सीधी में पिछले तीन दिन से लगभग 80 प्रकरण प्रतिदिन आ रहे हैं। इसी तरह सिंगरौली में 90 प्रकरण आ रहे हैं। प्रकरणों में गिरावट न होने का मतलब है कि संक्रमण की कड़ी नहीं टूटी है। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि यह देखें कि कहां ढील हो रही है और प्रकरण कम क्यों नहीं हो रहे हैं। जिन क्षेत्रों में संक्रमण अधिक है, वहां अलग-अलग रणनीति बनाकर संक्रमण को समाप्त किया जाए। मई अंत तक सभी जिलों में कोरोना संक्रमण को समाप्त करने के हरसंभव प्रयास करने हैं ताकि आगामी माह से जनजीवन सामान्य करने की दिशा में कदम उठाए जा सकें। इस दौरान बताया गया कि 40 जिलों में कोरोना संक्रमण की दर 10 प्रतिशत से कम हो गई है।
साप्ताहिक संक्रमण दर नौ फीसद
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नए प्रकरण चार हजार 952 आए हैं। पिछले 24 घंटे में नौ हजार 746 मरीज स्वस्थ हुए हैं। सक्रिय प्रकरण 72 हजार 725 हैं। साप्ताहिक संक्रमण दर नौ प्रतिशत रह गई है। गुरुवार को यह दर 6.4 फीसद रही। अब दो सौ से अधिक नए प्रकरण वाले जिले इंदौर में एक हजार 72, भोपाल में 693 और जबलपुर 336 ही रह गए हैं। गुना, छिंदवाड़ा, भिंड, बड़वानी, अशोकनगर, बुरहानपुर, झाबुआ, खंडवा और अलीराजपुर में संक्रमण की दर पांच फीसद या उससे भी कम है।
नकली दवाओं, कालाबाजारी पर 72 लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण
बैठक में बताया कि प्रदेश में नकली रेमडेसिविर बेचने और कालाबाजारी करने वाले 72 व्यक्तियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। वहीं, अधिक शुल्क लिए जाने पर अस्पतालों के विस्र्द्ध कार्रवाई की गई है। कुल 265 प्रकरणों में कार्रवाई करते हुए मरीजों के स्वजन को एक करोड़ नौ लाख रुपये से अधिक वापस दिलाए गए हैं।