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नारद मामले में आरोपी विधायक रहेंगे हाउस अरेस्ट, हाईकोर्ट का फैसला

Narada Sting Operation Case:digi desk/BHN/कोलकाता/ नारद स्टिंग मामले में गिरफ्तार बंगाल के कद्दावर मंत्री फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल विधायक मदन और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी की जमानत के मामले में कोलकाता हाईकोर्ट में सभी विधायकों को हाउस अरेस्ट करने का फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान एक जज जमानत के पक्ष में थे, लेकिन चीफ जस्टिस जमानत के खिलाफ थे, ऐसे में हाउस अरेस्ट कर बीच का रास्ता निकाला गया। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि विधायकों को कितने दिनों के लिए हाउस अरेस्ट रहना होगा।

गौरतलब है कि बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के इन सभी विधायकों को हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिल सकी थी। इस सभी नेताओं की ओर से कोलकाता हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। इधर CBI ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कानून मंत्री मलय घटक को कलकत्ता हाई कोर्ट में दाखिल अपनी उस याचिका में पक्ष बनाया है, जिसमें इस केस को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है। इस याचिका पर भी आज फैसला हो सकता है।

अभिषेक मनु संघवी कर रहे पैरवी

गौरतलब है कि बुधवार को हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि फिलहाल कोरोना महामारी जैसे संकट के समय में हिरासत में रखने का कोई मतलब नहीं है। वहीं CBI की तरफ से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ से जमानत का विरोध किया।

CBI ने दलील दी थी कि गिरफ्तार किए गए तृणमूल कांग्रेस के नेता बहुत प्रभावशाली हैं और बाहर आने पर केस को फिर प्रभावित कर सकते हैं। CBI ने इन नेताओं की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा जांच एजेंसी के कार्यालय में घंटों धरना देने और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा बाहर घेराव करने एवं केंद्रीय बलों पर पथराव करने का मुद्दा भी उठाया।

CBI के खिलाफ कानूनी कदम उठा सकता है विधानसभा सचिवालय

नारद स्टिंग ऑपरेशन कांड में विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति के बगैर विधायकों की गिरफ्तारी पर विधानसभा सचिवालय CBI के खिलाफ कानूनी कदम उठा सकती है। इस मामले में सीबीआई ने दावा किया है कि राज्यपाल से अनुमति ले ली गई थी। वहीं विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी का कहना है कि तीनों विधायकों को जिस तरह से गिरफ्तार किया गया, वह कानून सम्मत नहीं है। विधायकों की गिरफ्तारी के बारे में उन्हें कोई पूर्व सूचना भी नहीं दी गई थी।

ऐसे में नारद स्टिंग कांड में बंगाल के दो मंत्री व विधायक की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए तृणमूल कांग्रेस की महिला इकाई की अध्यक्ष व वरिष्ठ मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बुधवार को सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ महानगर के गरियाहाट थाने में FIR दर्ज कराई। चंद्रिमा भट्टाचार्य ने अपनी शिकायत में कहा है कि तीनों नेता सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम व मदन मित्रा बंगाल विधानसभा के सदस्य हैं और विधानसभा अध्यक्ष से उनकी गिरफ्तारी से पहले परामर्श और अनुमति ली जानी चाहिए, जो इस मामले में नहीं किया गया।’’

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