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स्वयं सहायता समूह में 2019 से अब तक 53,293 से ज्यादा समूह बने हैं

रांची

ग्रामीण महिलाओं के उत्थान और उनके आर्थिक स्वावलंबन के प्रति संवेदनशील मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा समूह के क्रेडिट लिंकेज कार्य को गति दी गई है। अब तक 2.91 लाख समूहों का गठन हो चुका है, जिसमें वर्ष 2019 से अब तक 53,293 से ज्यादा समूह बने हैं एवं क्रेडिट लिंकेज में 14,204 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, जो वर्ष 2019 दिसंबर से पूर्व 545.30 करोड़ रुपये था।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास को गति देने के लिए स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को बैंकों के साथ क्रेडिट लिंकेज सुनिश्चित कराने की पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक हो रही है। इसके तहत एसएचजी सदस्यों को सरल शर्तों पर ऋण सुविधाएं प्रदान की गईं और उनकी आजीविका गतिविधियों को मजबूती मिली।  

बोकारो के चंद्रपुरा प्रखंड की प्रेमलता देवी को मिला क्रेडिट लिंकेज का सहारा
प्रेमलता देवी जीवन ज्योति आजीविका सखी मंडल से जुड़कर आज अपने परिवार का भविष्य संवार रही है। पति के असमय मृत्यु से प्रेमलता पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा था। पति के जाने के दुख के साथ ही परिवार और बच्चो की जिम्मेदारी भी उन पर आ गई। ऐसे मुश्किल समय में समूह का साथ मिला। प्रेमलता ने पचास हज़ार रुपये क्रेडिट लिंकेज (सीसीएल) के तहत ऋण लेकर सिलाई मशीन खरीद सिलाई का कार्य शुरू किया।

मेहनत और अच्छे काम से प्रेमलता की आमदनी बढ़ने लगी और उन्होंने पुराने ऋण चुकाने के बाद सिलाई केंद्र खोलने के लिए ग्राम संगठन से तीस हज़ार रुपये ऋण लिया और काम को आगे बढाया। प्रेमलता कहती हैं, परिवार के भरण पोषण के बारे में सोचकर काफी चिंतित रहती थी, लेकिन समूह की महिलाओं के हौसले से मुझे हिम्मत मिली और आज सिलाई कार्य से प्रति माह करीब दस हज़ार आमदनी कर परिवार चला रही हूं।

 

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