रीवा निवासी सुनील मिश्रा उर्फ शिवेंद्र कुशवाहा तथा इंदौर निवासी राकेश शर्मा के खिलाफ एफइआर दर्ज
Fake Remdesivir Racket:digi desk/BHN/ जबलपुर/ नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले की जांच में जुटी एसआइटी को हर दिन नए प्रमाण मिल रहे हैं। जिसके आधार पर बुधवार को सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा के बेटे हरकरण और नकली इंजेक्शन की खरीद फरोख्त में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले रीवा निवासी सुनील मिश्रा उर्फ शिवेंद्र कुशवाहा तथा इंदौर निवासी राकेश शर्मा के खिलाफ एफइआर दर्ज कर ली गई है। सुनील मिश्रा लोगों के बीच स्वयं का नाम शिवेंद्र कुशवाहा बताता था। एफआइआर दर्ज करने के बाद एसआइटी तीनों आरोपितों की तलाश में जुट गई है। गिरफ्त में आए आरोपितों से हुई पूछताछ और सिटी हॉस्पिटल से जब्त दस्तावेजों से पता चला है कि हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना के करीब 170 मरीजों को नकली इंजेक्शन लगाए गए थे।
इधर, यह कहा जा रहा है कि पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर एसआइटी में सीएसपी गोहलपुर अखिलेश गौर को शामिल किए जाने के बाद नकली इंजेक्शन कांड की जांच पड़ताल में तेजी आ गई है। पुलिस अधीक्षक बहुगुणा का कहना है कि नकली इंजेक्शन मामले में सूक्ष्म विवेचना की जा रही है, ताकि कोई भी आरोपित बचने न पाए।
दो इंजेक्शन मेडिकल स्टोर तथा टूटे हुए कई वायल खाली प्लाट से जब्त
पुलिस रिमांड में देवेश चौरसिया ने कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर एसआइटी ने सिटी हॉस्पिटल के मेडिकल स्टोर से दो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जब किए हैं। देवेश ने यह भी बताया कि पुल नंबर-2 के पास मोखा का खाली प्लाट पड़ा हुआ है। उस प्लाट में भी कई इंजेक्शन तोड़कर फेंक दिए गए थे। एसआइटी ने खाली प्लॉट से नकली इंजेक्शन की तमाम टूटी हुई शीशियां यानि वायल जब्त किए हैं।
रिमांड खत्म, आज देवेश को कोर्ट में पेश करेगी एसआइटी
नकली इंजेक्शन में आरोपित देवेश चौरसिया को एसआईटी आज बुधवार को कोर्ट में पेश करेगी उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया था इस दौरान देवेश से पुलिस ने कड़ी पूछताछ की जिसके बाद कई राज खोले देवेश की सूचना पर ही पुलिस ने कई जगह से नकली इंजेक्शन की टूटी फूटी शीशियां जब्त करने में सफल रही है। देवेश ने नकली इंजेक्शन के कारोबार का काला चिट्ठा खोल कर रख दिया है। एसआइटी अधिकारियों का कहना है कि रिमांड अवधि समाप्त हो चुकी है जिसके बाद देवेश को कोर्ट ले जाया जा रहा है।
एसआइटी सीज कराएगी बैंक अकाउंट
मोखा और उसके परिवार पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस मोखा और उसके स्वजन के बैंक अकाउंट सीज कराने की तैयारी में है। सबसे पहले फरार हरकरण के बैंक अकाउंट पर नजर है। अधिकारियों का कहना है कि सभी बैंकों में पत्राचार कर सिटी हॉस्पिटल, मोखा और उसके स्वजन के बैंक अकाउंट सीज कराए जाएंगे।
पनाह देने वालों पर दर्ज होगी एफआइआर
मोखा के फरार बेटे हरकरण को पनाह देने वाले भी प्रकरण में आरोपी बनाए जाएंगे। एसआइटी ने स्पष्ट किया है कि हरकरण को जल्द पकड़ लिया जाएगा उसके मोबाइल फोन की सीडीआर निकाली जाएगी। उससे कड़ी पूछताछ की जाएगी। इंजेक्शन मामले में जांच के दौरान उसे जिन लोगों ने भी पनाह दी है सभी के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। एसआइटी को पता चला है कि हरकरण की ससुराल दिल्ली में है। यदि ससुराल में उसे शरण दी गई होगी तो ससुराल वाले भी पुलिस के शिकंजे में आ जाएंगे।
राकेश शर्मा के माध्यम से दिए गए थे 15 लाख
एसआइटी सूत्रों का कहना है कि नकली इंजेक्शन की खरीद-फरोख्त में पैसों का लेन देन राकेश शर्मा के माध्यम से हुआ था। मोखा ने 15 लाख रुपये शर्मा को दिए थे जिसके बाद नकली इंजेक्शन की खेप सिटी अस्पताल भेजी गई थी।