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नहीं रहे रैगांव भाजपा विधायक जुगुल कक्का, भोपाल में उपचार के दौरान हार्टअटैक से हुआ निधन, क्षेत्र में शोक

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/  रैगांव विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री जुगल किशोर बागरी का भोपाल के चिरायु अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया है। वे कोरोना संक्रमित थे लेकिन वे कोरोना संक्रमण से उबर चुके थे और अस्पताल में ही इलाजरत थे। सोमवार शाम लगभग 6 बजे उनका हृदय गति रुकने से निधन हो गया। उनके पुत्र पुष्पराज बागरी ने उनके निधन की पुष्टि कर दी है। कोरोना संक्रमित होने के बाद स्थिति नाजुक बनी हुई थी। लेकिन बीते पांच दिनों से उनका संक्रमण कम हो रहा था और वे उबर रहे थे। उन्हें राज्य सरकार के निर्देशों के 30 अप्रैल को सतना के बिरला अस्पताल से भोपाल के बंसल अस्पताल में एंबुलेंस से ले जाया गया था और भर्ती कराया गया था लेकिन हालत सुधार नहीं होने से उन्हें चिरायु अस्पताल में भर्ती किया गया था। वे कोविड से रिकवर हो गए थे और पोस्ट कोविड काम्प्लिकेशन के कारण हृदयघात के कारण उनका निधन हो गया।

तेज़ बुखार के पश्चात हो गए कोरोना संक्रमित,सोमवार को आया हार्टअटैक 
दरअसल उन्हें तेज बुखार आया था जिसके बाद 24 अप्रैल को बिरला अस्पताल में उनकी सीटी स्कैन जांच भी हुई थी जिसकी रिपोर्ट नार्मल आई थी। इसके बाद उनकी कोरोना जांच के लिए एंटीजन रिपोर्ट 26 अप्रैल को रीवा से प्राप्त हुई थी जिसमें उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हो गई। वे शहर के पेप्टेक सिटी स्थित अपने घर में ही आइसोलेशन में थे लेकिन इसके बाद से ही उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसके बाद उन्हें बिड़ला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 28 मई की रात को जब उनकी तबियत अधिक बिगड़ी तो सतना से लेकर भोपाल तक लोगों की चिंताएं बढ़ गई। राज्य सरकार के निर्देश पर 29 अप्रैल की रात ही उनका हाल जानने सतना कलेक्टर अजय कटेसरिया और पुलिस अधीक्षक धर्मवीर यादव बिड़ला अस्पताल पहुंचे। इस दौरान अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. संजय माहेश्वरी से भी चर्चा की गई। वहीं उनकी स्थिति सुबह थोड़ी और बिगड़ रही थी जिसके बाद शुक्रवार 30 अप्रैल की सुबह लगभग 10 बजे के लगभग उन्हें सतना से पहले भोपाल के बंसल अस्पताल में रेफर किया गया और शाम 6.30 बजे वे भोपाल पहुंचे। उनके साथ अलग से प्रशासन ने तहसीलदार बीके मिश्रा व निरीक्षक पद के पुलिस अधिकारी को भी अलग से भेजा है ताकि भोपाल में उनके इलाज की व्यवस्था हो जाए।
जुगुल कक्का को बचाने की सरकार ने पूरी कोशिश की, पर अंत में वही हुआ जिसका डर था

 

78 वर्षीय बुजुर्ग विधायक जुगल किशोर बागरी भाजपा के लिए अहम कड़ी थी। ये सतना के रैगांव विधानसभा से पांचवी बार विधायक बने थे। यहां इनका वर्चस्व इतना है कि उनके पुत्र पुष्पराज सिंह बागरी को भी जब पार्टी ने एक बार टिकट दी थी तो वे भी नहीं जीत पाए। लेकिन पूर्व मंत्री रह चुके जुगल किशोर क्षेत्र के बड़े और बूढ़ों के बीच अपनी पैठ बनाए हुए थे। इनके अलावा पार्टी के पास इस क्षेत्र से कोई दूसरा विकल्प नहीं रहता। यही कारण है कि सरकार इनके स्वास्थ्य को लेकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती थी। विधायक के संक्रमण की खबर पर सरकार भी गंभीर नजर आ रही थी और अच्छे इलाज के लिए उन्हें सतना से भोपाल बुलवाया गया लेकिन लंबे इलाज के बाद सोमवार को हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया। ज्ञात हो की बीते दो माह पूर्व भी उनके बीमार होने पर एयर लिफ्ट कर भोपाल के बंसल हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती कराया गया था। जिसके बाद वे स्वस्थ होकर 15 दिन बाद वापस सतना लौट आए थे। उनके निधन से जहां उनके समर्थकों से लेकर पार्टी नेताओं में शोक की लहर छा गई है वहीं विपक्षी पार्टी के पदाधिकारियों ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है।

बीते सप्ताह उड़ाई गई थी निधन की अफवाह

विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन की अफवाह सतना में बीते सप्ताह उड़ाई गई थी जिसके बाद कलेक्टर ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इस मामले में पुलिस अधीक्षक ने साइबर सेल को कार्रवाई करने निर्देशित किया था जिसके बाद कोठी निवासी मंटू सोनी को विधायक की निधन की अफवाह उड़ाने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती जा रही थी लोकप्रियता ,ऐसा रहा है जुगल किशोर का कार्यकाल

जुगल किशोर बागरी भाजपा से पांच बार के विधायक रहे। बढ़ती उम्र के साथ उनकी लोकप्रियता भी क्षेत्र में बढ़ती जा रही थी। सबसे पहले वे वे 1993 में पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद 1998 में दूसरी बार और 2003 में उमा भारती की सरकार में तीसरी बार विधायक बने इसके साथ ही उन्हें कैबिनेट में मंत्री बनाया गया, लेकिन लोकायुक्त में प्रकरण की वजह से उन्हें अपनी कैबिनेट मंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद 2008 में वे लगातार चौथी बार विधायक बने और क्षेत्र में इतिहास रचा। विधायक बागरी की बढ़ती उम्र के कारण पार्टी ने उन्हें 2013 में टिकट नहीं दिया जबकि उनकी जगह उनके बड़े बेटे पुष्पराज बागरी को टिकट दिया। लेकिन जी तोड़ मेहनत के बाद भी पुष्पराज चुनाव नहीं जीत पाए और वे बहुजन समाज पार्टी की उषा चौधरी से हार गए। अगली बार पार्टी ने दोबारा खतरा लिया और विकल्प ना होने पर उनके बुजुर्ग पिता जुगल किशोर बागरी को टिकट दिया। लेकिन उन्होंने पार्टी के भरोसे को बनाए रखा और एक बार फिर पांचवी बार 2018 में विधायक बने।

रैगांव विधान सभा क्षेत्र से लगभग 25 किलोमीटर दूर वसुधा गांव में है पैतृक निवास

विधायक जुगल किशोर बागरी के पिता का नाम रामगोपाल बागरी था और वे रैगांव विधान सभा क्षेत्र सतना से लगभग 25 किलोमीटर दूर बसुधा गांव के रहने वाले थे। उन्होंने 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। उनके मोहल्ले का नाम उनके पिता रामगोपाल बागरी के नाम पर गोपालपुर रख दिया गया है। उनके दो पुत्र पुष्पराज बागरी व देवराज बागरी व पांच पुत्री हैं। बताया जा रहा है कि उनका अंतिम संस्कार बसुधा में ही या फिर सतना में पेप्टेक सिटी में स्थित उनके निवास से किया जाएगा।

किसी भी प्रकार की समस्या में वे तुरंत खड़े रहते थे, गरीबों के थे मसीहा

विधायक जुगल किशोर बागरी अपने क्षेत्र के नागरिकों और गरीबों के लिए मसीहा थे। लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या, शादी वैवाहिक कार्यक्रम में वे तुरंत खड़े रहते थे। ज्ञात हो कि 27 सितंबर 2020 में सतना के सिंहपुर थाना में चर्चित गोलीकांड हुआ था जिसमें चोरी के आरोपित को थाना प्रभारी ने गोली मार दी थी। इस मामले में भी वे थाने पहुंचकर जमकर विरोध किया था और अपनी ही सरकार से पुलिस पर कार्रवाई करने की मांग की थी जिसके बाद पुलिस अधीक्षक तक को कुर्सी गंवानी पड़ी थी।

व्यक्त किया शोक

विधायक बागरी के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ सहित सतना के सभी विधायक और भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष मकसूद अहमद, कलेक्टर अजय कटेसरिया, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव ने शोक व्यक्त किया है।

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