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अमेरिका में बैन होगा डीपसीक, प्राइवेसी और डेटा सेफ्टी बना वजह

नई दिल्ली

चाइनीज एआई चैटबॉट DeepSeek AI को अमेरिका में बैन करने की योजना है। साथ ही बैन के बावजूद अगर DeepSeek का इस्तेमाल किया जाता है, तो ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगाने के साथ जेल भेजा जा सकता है। वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट की मानें, तो कुछ अमेरिकी सीनेटर चीनी AI चैटबॉट को बैन करने के एक बिल को पेश करने की योजना बना रहे हैं।

DeepSeek AI के इस्तेमाल पर भारी जुर्माना और सजा
The Independent की रिपोर्ट के मुताबिक इस बिल के लागू होने के बाद अगर कोई डीपसीक इस्तेमाल करते पाया जाता है, तो ऐसा करने वाले व्यक्तियों पर 1 मिलियन डॉलर करीब 6.5 करोड़ का जुर्माना लगाया जा सकता है। वही नियम उल्लंघन पर 20 साल तक की जेल हो सकती है। वही अगर कारोबार के लिए DeepSeek का उपयोग किया जाता है, तो 100 मिलियन डॉलर करीब 8 अरब का जुर्माना लगाया जा सकता है।

क्यों लगाया जा रहा है DeepSeek पर प्रतिबंध?
इस बिल को रिपब्लिकन सीनेटर जोश हॉले (Josh Hawley) ने प्रस्तावित किया है। सरकार का मानना है कि डीपसीक यूएस नागरिकों के डेटा चीन सरकार तक पहुंचा सकता है। सीनेटर हॉले ने DeepSeek AI की सेफ्टी और प्राइवेसी को लेकर चिंता जाहिर की थी।

पहले भी कई देशों में हो चुका है प्रतिबंध
अगर अमेरिका DeepSeek पर प्रतिबंध लगाता है, तो यह ऐसा करने वाला पहला देश नहीं होगा। इससे पहले इटली, अमेरिकी राज्य टेक्सास, ताइवान और ऑस्ट्रेलिया में प्रतिबंध लगाया जा चुका है। अगर भारत की बात करें, तो आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि DeepSeek को जल्द ही भारत के सर्वरों पर होस्ट किया जाएगा, जिससे प्राइवेसी की टेंशन नहीं रहेगी।

DeepSeek AI क्यों हुआ पॉपुलर?
हाल ही में DeepSeek AI को काफी सुर्खियां मिलीं। दरअसल डीपसीक ने जनवरी 2025 के आखिरी में R1 मॉडल लॉन्च किया गया। अमेरिका ने चीन को AI चिप्स के निर्यात पर रोक लगा दिया था, जिसके जवाब में DeepSeek ने ChatGPT के मुकाबले कम लागत में बेहतर एआई मॉडल बना डाला।

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