Tuesday , June 24 2025
Breaking News

महाकुंभ में उमड़े अखाड़ों के नागा साधुओं का वसंत पंचमी के स्नान के बाद अगला पड़ाव बनती है काशी, सजेगा मिनी कुंभ

वाराणसी
संगम तट पर महाकुंभ में उमड़े अखाड़ों के नागा साधुओं का वसंत पंचमी के स्नान के बाद अगला पड़ाव बनती है बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी। प्राय: वसंत पंचमी की बाद त्रिवेणी तट से उनके शिविर खुलना आरंभ हो जाते हैं और फिर उनका समूह चल देता है भगवान भूतनाथ की नगरी काशी की ओर। यहां गंगा तट पर सजता है मिनी कुंभ। इस पार के घाटों से लेकर उस पार रेती तक और विभिन्न मठाें, आश्रमों, धर्मशालाओं में नागा साधुओं का डेरा पड़ जाता है, सज जाती है तंबुओं की नगरी, हर ओर दिखता है भगवा, भूत-भभूत, जटा-जूट का रेला, अद्भुत लगता है अध्यात्म का मेला। फिर तो होली पर्व तक हजारों नागाओं की छावनी बनी रहती है काशी। गंगा मैया के तट से लेकर बाबा विश्वनाथ के दरबार तक नागा संतों का क्रम निरंतर बना रहता है। अनेक अद्भुत विधियों से साधना करते नागाओं के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश के श्रद्धालु यहां उमड़ते हैं। काशी में होने वाले इस मिनी कुंभ की तैयारियों में प्रशासन व मठ-मंदिर जुट गए हैं।
 
चार शैव अखाड़ों के मुख्यालय व सभी 13 अखाड़ों की शाखाएं हैं काशी में
आदि शंकराचार्य द्वारा धर्म रक्षा के लिए स्थापित किए गए नागा साधुओं के सबसे बड़े अखाड़ों शामिल श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े सहित चार प्रमुख शैव सन्यासी अखाड़ों का मुख्यालय काशी में ही है। इनमें हनुमान घाट पर श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा, दशाश्वमेध घाट पर श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा, हनुमान चैक कपिलधारा में श्री पंच अटल अखाड़ा, शिवाला घाट पर महानिरंजनी अखाड़ा के मुख्यालय हैं। इनके अतिरिक्त राजघाट पर श्रीअग्नि अखाड़ा, कपिलधारा पर आनंद अखाड़ा, पद्मश्री सिनेमा के पास कुरुक्षेत्र पोखरा पर वैष्णव संप्रदाय के बड़ा उदासीन अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा निर्मोही अखाड़ा, अनी अखाड़ा आदि सभी 13 अखाड़ों की शाखाएं हैं। इन मुख्यालयों व शाखाओं में हजारों संन्यासी रहते हैं।
 
आठ फरवरी को होगा जूना अखाड़े का नगर प्रवेश, 12 को शोभायात्रा
हनुमान घाट स्थित श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के पुजारी संतोष मिश्र ने बताया कि जूना अखाड़ा के साथ ही अग्नि और आवाहन अखाड़ों के नागा सन्यासी महाकुंभ में वसंत पंचमी पर संगम स्नान के बाद काशी की ओर प्रस्थान करेंगे। इनके साथ ही या बाद में अटल और निरंजनी अखाड़ों के संन्यासी भी आ जाते हैं। वाहनों, घोड़ों के माध्यम से तथा पैदल चलकर काशी सभी सन्यासी काशी पहुंचते हैं। आठ फरवरी को रमता पंच के नेतृत्व में बाजे-गाजे व हाथी-घोड़ों, रथों तथा पैदल सन्यासियों की भव्य शोभायात्रा में पूरे लाव-लश्कर व अस्त्र-शस्त्रों के साथ उनका नगर प्रवेश होगा। स्थानीय साधू-संत व अखाड़े के अधिकारी-कर्मचारी, प्रशासन के लोग तथा काशीवासी मोहन सराय के पास उनकी अगवानी करेंगे। अधिकांश संन्यासी बैजनत्था स्थित जपेश्वर मठ पर रुक जाते हैं। फिर 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर जपेश्वर मठ से उनकी शोभायात्रा निकलेगी और सभी अपने-अपने लाव-लश्कर अस्त्र-शस्त्र के साथ हनुमान घाट पहुंचेंगे। काशी नगर प्रवेश के बाद सभी संन्यासियों के जत्थे अपने-अपने आश्रमों-मठों के साथ गंगा तट के दोनों ओर पड़े तंबुओं, छावनियों में अपना डेरा जमाएंगे। फिर होली तक यह जमावड़ा काशी में बना रहेगा।

About rishi pandit

Check Also

पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में सपा ने निकाले तीन विधायक

लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में अपने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *