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बिहार-मुख्यमंत्री नीतीश प्रगति यात्रा लेकर पहुंचे पूर्णिया, 62 योजनाओं और 580 करोड़ की दी सौगात

पटना.

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के तीसरे चरण में पूर्णिया जिले के कृत्यानंद नगर प्रखंड की मजरा पंचायत के भवानीपुर गांव स्थित कामाख्या मंदिर प्रांगण से 580.87 करोड़ रुपये से अधिक की कुल 62 विकासात्मक योजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कामाख्या मंदिर में पूजा अर्चना कर राज्य की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कृत्यानंद नगर प्रखंड की मजरा पंचायत के भवानीपुर ग्राम में विभिन्नविकासात्मक कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने लोहिया स्वच्छ बिहार अभियानके तहत अपशिष्ट प्लास्टिक के उपयोग से सड़क निर्माण कार्य के संबंध में जानकारी ली।जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत मां कामाख्या पोखरा के सौंदर्यीकरण कार्य काशिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया और इसका जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहतालाब बहुत अच्छा बना है। लोग यहां आकर घूम सकते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री प्रखंडपरिवहन योजना के लाभुकों को मुख्यमंत्री ने चाबी और सांकेतिक चेक प्रदान की।इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने किलकारी बिहार बाल भवन, पूर्णिया के बच्चों द्वारा किएगए सृजनात्मक कार्यों पेंटिंग, चित्र प्रदर्शनी, अभिनय, नृत्य विधा, जूट आर्ट और सिक्की आर्टके बने उत्पादों एवं विभिन्न सृजनात्मक कार्यों का अवलोकन किया। बच्चों के सृजनात्मककार्यों की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब बहुत अच्छा सृजनात्मक कार्य कररहे हैं, आप सब को बहुत-बहुत बधाई।इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया।इस दौरान स्वयं सहायता समूह की जीविका दीदियों द्वारा जीविकोपार्जन हेतु किए जा रहेविभिन्न गतिविधियों एवं उत्पादों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने 1 लाख 43 हजार 88जीविका दीदियों को 204 करोड़ रुपये का सांकेतिक चेक, 1127 जीविका दीदियों को 5 करोड़32 लाख रुपये का सांकेतिक चेक, 13 हजार 605 जीविका दीदियों को 27 करोड़ 21 लाखरुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया तथा समेकित मुर्गी विकास हेतु 700 लाभुकों को 3लाख 78 हजार रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। साथ ही जीविका दीदियों के स्टॉलपर लगाए गए विभिन्न उत्पादों को देखा और उनसे बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष2005 में जब हमलोगों को बिहार में काम करने का मौका मिला तो हमने देखा कि यहां स्वयंसहायता समूहों की संख्या नाम मात्र की है। हमलोगों ने विष्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयंसहायता समूहों की संख्या बढ़ानी शुरू की। हमने ही स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओंका नाम ‘जीविका दीदी’ दिया, जिससे प्रेरित होकर तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसका नाम‘आजीविका’ किया। इससे बिहार की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है।स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है। उनका पहनावा और बोलचाल भी काफी अच्छा हो गया है। वे लोगों से बेहिचक होकर बातें करने लगी हैं। मैं आपसभी जीविका दीदियों को बेहतर कार्य करने के लिए बधाई देता हूं।

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