Coronavirus Crisis:digi desk/BHN/ वाशिंगटन/ कोरोना महामारी से अब कुछ देशों में बच्चे भी बहुत अधिक संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में जल्द ही बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू हो सकता है। अमेरिका में फाइजर कंपनी की कोरोना वैक्सीन को जल्द ही मंजूरी दी जा सकती है। ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि बच्चों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए जल्द पहली कोरोना वैक्सीन जल्द आ सकती है। अमेरिका के खाद्य एवं दवा प्रशासन (FDA) द्वारा 12 से 15 साल की उम्र से बच्चों के लिए फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है।
वैक्सीन ट्रायल के नतीजे
यूरोपियन यूनियन के दवा नियंत्रक EMA ने बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक द्वारा विकसित किए गए वैक्सीन की विश्लेषण शुरू कर दिया है। अमेरिका में भी ऐसा ही परीक्षण(ट्रायल) पहले हो चुका है। शुरुआती जांच में यह पाया गया है कि फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन युवा किशोरों में, वयस्कों की तुलना में भी अधिक प्रभावी है। बच्चों ने वैक्सीन की मदद से मजबूत एंटीबॉडी का उत्पादन किया और इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) नहीं सामने आए।
जल्द ही बाजार में आ सकता है टीका
जर्मनी की दवा कंपनी बायोएनटेक का भी दावा है कि वह यूरोप में 12 से 15 साल के बच्चों के लिए जून में कोरोना की वैक्सीन लॉन्च करेगी। कंपनी की वैक्सीन का EU ने आकलन शुरू कर दिया है। वहीं फाइजर और उसकी सहयोगी जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने मार्च के अंत में यह दावा किया था कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन 12 साल से बड़ी उम्र के बच्चों के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित और व्यस्कों की तरह ही कोराना वायरस महामारी का असर रोकने में कारगर है।