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तमिलनाडु राजभवन का पलटवार, मुख्यमंत्री स्टालिन का अहंकार ठीक नहीं है

तमिलनाडु
तमिलनाडु राजभवन ने विधानसभा के हालिया सत्र को संबोधित न करने के राज्यपाल आर एन रवि के फैसले को मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा बचकाना बताए जाने की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि इस तरह का अहंकार ठीक नहीं है। राजभवन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा कि लोग देश और संविधान का कोई भी निर्लज्जतापूर्ण अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

राजभवन ने 'एक्स' पर कहा, ''एम के स्टालिन ने कहा है कि राष्ट्रगान के प्रति उचित सम्मान और संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों का पालन करने पर जोर दिया जाना बेतुका और बचकाना है। पोस्ट में कहा गया, ''अपने असली इरादे दिखाने के लिए उन्हें धन्यवाद। उन्होंने दिखा दिया कि वह उस विचारधारा को मानते हैं और गठबंधन के नेता हैं जो भारत का एक राष्ट्र के तौर पर सम्मान नहीं करता और संविधान को स्वीकार नहीं करता। ऐसा अहंकार ठीक नहीं है।''

राजभवन ने कहा, ''कृपया यह न भूलें कि भारत माता सर्वोच्च है और उसके बच्चों की संविधान में सर्वोच्च आस्था है। वे इस तरह के निर्लज्जतापूर्ण अपमान को बर्दाश्त नहीं करेंगे।'' इससे एक दिन पहले, स्टालिन ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल रवि यह हजम नहीं कर पा रहे हैं कि राज्य विकास कर रहा है और विधानसभा को संबोधित न करने का उनका फैसला बचकाना था।

रवि छह जनवरी को विधानसभा में अपना पारंपरिक अभिभाषण दिए बिना ही चले गए थे। राजभवन ने बाद में कहा था कि वह गहरी पीड़ा में थे, क्योंकि राष्ट्रगान का धुन नहीं बजाया गया था। मुख्यमंत्री ने शनिवार को राज्य विधानसभा में कहा था कि वर्ष 2022 में रवि ने बिना किसी बदलाव के अपना अभिभाषण दिया, लेकिन उसके बाद के तीन साल उन्होंने बेतुके कारणों का हवाला देते हुए अपना पारंपरिक संबोधन देने से परहेज किया।

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