Wednesday , December 25 2024
Breaking News

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जातिगत आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया, आरक्षण की व्‍यवस्‍था सिर्फ 10 साल के लिए की गई थी

नई दिल्ली
बाबा साहब भीम राव आंबेडकर पर संसद में गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर सियासी घमासान अभी थमा नहीं है। कांग्रेस के बाद आज बसपा सुप्रीमो मायावती के आह्वान पर बसपा इस मुद्दे को लेकर देश व्‍यापी आंदोलन कर रही है। इस बीच ज्योतिष पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जातिगत आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि आरक्षण की व्‍यवस्‍था सिर्फ 10 साल के लिए की गई थी। बाबा साहब ने कभी नहीं चाहा था कि लोग आरक्षण की वैशाखी लेकर जिंदगी भर चलते रहें। लेकिन लागू होने के 78 साल बाद भी वो वर्ग जिसके लिए इसे लागू किया गया था, मुख्‍य धारा में शामिल नहीं हो सका है। इसका मतलब है कि या तो आंबेडकर फेल हो गए या तो आंबेडरवादी फेल हो गए। उन्‍होंने कहा कि लोगों को इसमें नहीं जाना चाहिए बल्कि शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य जैसी चीजों से जुड़ी अपनी समस्‍याओं को उठाना चाहिए।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहीं। वह सोमवार को काशी पहुंचे। यहां केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में डॉ. हरिप्रकाश पांडेय ने सपत्नीक पादुका पूजन किया। बताया जा रहा है कि शंकराचार्य ने मीडिया से बातचीत के दौरान किसी प्रश्‍न के उत्‍तर में उपरोक्‍त बातें कहीं। उन्‍होंने कहा, '78 साल हो गए। बाबा साहब आंबेडकर के संविधान की बात की जाती है। 78 साल में जो लोग आंबेडकर के पीछे थे उनका कितना उन्‍नयन हुआ, ये बताइए। 10 साल के लिए आरक्षण दिया गया था, 78 साल हो गया वो आरक्षण कंटीन्‍यू है और उसके लिए जूझ रहे हैं उनके लोग कि ये न खत्‍म किया जाए। आरक्षण इसलिए थोड़े दिया गया था कि आप जिंदगी भर के लिए पंगु होकर आरक्षण की बैसाखी पर खड़े रहें।'

उन्‍होंने कहा- ' आरक्षण इसलिए दिया आंबेडकर साहब ने कि उसका लाभ लेकर आप समाज की मुख्‍य धारा में आ जाएं। आप कहां आ पाए? जो लोग आंबेडकर का नाम लेते हैं हम उन्‍हीं से पूछना चाहते हैं कि आंबेडकर की भावना का कितना उन्‍होंने ख्‍याल रखा। आंबेडकर ने यह नहीं चाहा था कि जिंदगी भर, अगले दो सौ साल, हजार साल तक ये लोग आरक्षण खाते रहें। उन्‍होंने ये चाहा था कि आरक्षण की वैशाखी को लेकर चलें और मुख्‍य धारा में शामिल हो जाएं। 78 साल में आप लोग मुख्‍य धारा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसका मतलब है कि आंबेडकर या तो फेल हो गए या तो आंबेडरवादी फेल हो गए।'

शंकराचार्य ने कहा कि 'हमारा यह कहना है कि इसमें न जाइए। आपकी जो समस्‍याएं हैं। आपको शिक्षा नहीं मिल रही है आप शिक्षा की मांग करिए। आपको स्‍वास्‍थ्‍य नहीं मिल रहा है, आप स्‍वास्‍थ्‍य की मांग करिए। आपको मुख्‍य धारा में नहीं लाया जा रहा है, कहीं अपमान हो रहा है, उसको उठाइए कि भाई जब समाज एक है तो भेदभाव नहीं होना चाहिए। ये तो ठीक है लेकिन आंबेडकर का किसी ने मान कर दिया किसी ने अपमान कर दिया। अब इसी में आप ढोल पीटते रहिए और राजनीतिज्ञों को जो करना है वे कर रहे हैं।'

शंकराचार्य का एयरपोर्ट पर रवि त्रिवेदी, यतींद्र चतुर्वेदी, कीर्ति हजारी शुक्ला आदि ने स्वागत किया। वहां से वह कचहरी में अधिवक्ताओं के एक कार्यक्रम में पहुंचे। फिर सड़क मार्ग से राजघाट पहुंचे। राजघाट से जल मार्ग से केदारघाट गए। शंकराचार्य 25 दिसंबर तक काशी में प्रवास करेंगे। शंकराचार्य ने यह भी कहा कि अनंत जन्मों के पुण्य कर्मों के फलों के उदित होने पर जीव को काशीवास सुलभ होता है। काशीवासियों को दृढ़ता से धर्म का पालन करना चाहिए।

About rishi pandit

Check Also

रोडवेज बस भीमताल-रानीबाग मोटर मार्ग पर आमडाली के पास 1500 फीट गहरी खाई में गिरी, 3 की मौत कई घायल

नैनीताल उत्तराखड़ के अल्मोड़ा से हल्द्वानी जा रही रोडवेज बस भीमताल-रानीबाग मोटर मार्ग पर आमडाली …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *