Thursday , December 26 2024
Breaking News

प्रयागराज कुम्भ में विहिप करेगी कई बड़े कार्यक्रम

अयोध्या
 विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने अपने सभी सांगठनिक कार्यक्रम और बैठकें और सम्मेलन प्रयागराज में आयोजित कुंभ में करने का निर्णय लिया है। विहिप महामंत्री बजरंग लाल बागड़ा की ओर से इस सिलसिले में विस्तृत कार्य योजना जारी कर दी गई है। इसके अनुसार पूरे कुंभ भर संगठन का वहीं पर जमावड़ा रहेगा।

बजरंग लाल बागड़ा की ओर से सितम्बर में ही जारी पत्र के अनुसार 19 जनवरी को मेरठ, लखनऊ, पटना क्षेत्र का मातृशक्ति सम्मेलन, 24 को केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक, अगले दिन 25 को प्रथम बेला में साध्वी सम्मेलन, द्वितीय बेला में संत सम्मेलन होगा। 27 जनवरी को युवा संत सम्मेलन, छह फरवरी को मंत्रियों एवं संगठन मंत्रियों की बैठक, सात से नौ फरवरी तक प्रन्यासी मंडल की बैठक, 10 फरवरी को विमर्श कार्यशाला, 10-11 फरवरी को विभाग मंत्री और संगठन मंत्रियों का अभ्यास वर्ग होगा। 11-12 फरवरी को बजरंग दल की अखिल भारतीय बैठक, 12 फरवरी को विभाग संगठन मंत्री अभ्यास वर्ग, 15-16 फरवरी को धर्म प्रसार अखिल भारतीय बैठक, 15-16-17 फरवरी मातृशक्ति, दुर्गा वाहिनी की अखिल भारतीय बैठक, सत्रह को धर्म प्रसार संत बैठक, 19 फरवरी को गोरक्षा अखिल भारतीय बैठक और बीस फरवरी को गोरक्षा सम्मेलन होगा।

विहिप के शिविर में वेद और समरसता सम्मेलन

कुंभ मेला 2025 की तैयारी को लेकर विश्व हिंदू परिषद काशी प्रांत की बैठक बुधवार को प्रांत कार्यालय केसर भवन में हुई। प्रांत संगठन मंत्री (पूर्वी उत्तर प्रदेश) गजेन्द्र बताया कि विहिप के शिविर में केंद्रीय बैठक, मार्गदर्शक मंडल की बैठक, संत सम्मेलन, वेद सम्मेलन, महिला सम्मेलन, गौरक्षा सम्मेलन एवं समरसता सम्मेलन का आयोजन 15 जनवरी से 23 फरवरी के बीच होगा। वेद सम्मेलन तक दो दशक बाद और समरसता सम्मेलन पहली बार होगा। प्रमुख स्नानों के अवसर पर संगठन समाज के लिए भंडारे का आयोजन करेगा और शिविर चलाएगा, जिसके लिए व्यवस्था में कार्यकर्ताओं को अनेक जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं।

केंद्रीय महामंत्री (संगठन) मिलिंद परांडे ने कहा कि महाकुंभ का पर्व हिंदू समाज की आस्था के प्रकटीकरण का पर्व है। इस पर्व में हिंदू समाज अपने जाति-वंश और मत-पंथ को भूलकर सभी संप्रदायों के लोग एक साथ संगम में डुबकी लगाते हैं और पूरे विश्व को समरसता का संदेश देते हैं। मेले में दुनियाभर के लोग प्रयाग की पावन धरती पर आस्था की डुबकी लगाकर आध्यात्मिक शांति के लिए प्रवास करते हैं। इतिहास में यह आयोजन हमेशा ही भव्य और दिव्य रहा है, और समाज के लोग इसमें तन, मन और धन से सहयोग करते आए हैं।

 

 

About rishi pandit

Check Also

ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने वाले रघुबर दास का एक बार फिर से राजनीति की पिच पर लौटना तय

रांची ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देने वाले रघुबर दास का एक बार …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *